नई दिल्ली| पावर ट्रांसमिशन और रिटेल डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी अडाणी ट्रांसमिशन लिमिटेड (एटीएल) ने 3,370 करोड़ रुपये में वरोरा-कुरनूल ट्रांसमिशन लिमिटेड (डब्ल्यूकेटीएल) का अधिग्रहण करने के लिए एस्सेल इंफ्राप्रोजेक्ट्स लिमिटेड (ईआईएल) के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। इसके लिए केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग से पहले ही मंजूरी मिल चुकी है। कर्जदारों की स्वीकृति तथा अन्य आवश्यक मंजूरी सौदा पूरा करने से पहले प्राप्त कर ली जाएगी।
शनिवार को एक बयान में, अडाणी ट्रांसमिशन ने कहा कि यह अधिग्रहण उसके हितधारकों के लिए मूल्यवर्धन करने की रणनीति का हिस्सा है। इस सौदे के बाद एटीएल का नेटवर्क बढ़कर 17,200 सर्किट किलोमीटर तक पहुंच जाएगा, जिसमें से 12,350 सर्किट किलोमीटर पहले से ही चालू है और 4,850 सर्किट किलोमीटर (इस संपत्ति सहित) निष्पादन के विभिन्न चरणों में है।
कंपनी ने कहा कि परिचालन के इस बढ़े हुए पैमाने के साथ, एटीएल लागत अनुकूलन और साझा संसाधनों के मामले में पर्याप्त लाभ उठाएगी और देश में सबसे बड़ी निजी क्षेत्र की ट्रांसमिशन कंपनी होने की अपनी स्थिति को भी मजबूत करेगी। अडाणी ट्रांसमिशन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक (एमडी) एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अनिल सरदाना ने एक बयान में कहा, डब्ल्यूकेटीएल का अधिग्रहण एटीएल की अखिल भारतीय उपस्थिति को मजबूत करेगा, जो भारत में निजी क्षेत्र की सबसे बड़ी ट्रांसमिशन कंपनी के रूप में इसकी स्थिति को और भी मजबूत करेगा। उन्होंने कहा, यह संपत्ति न केवल एटीएल के आकार और पैमाने को बढ़ाएगी, बल्कि एटीएल को 2022 तक 20,000 सर्किट किलोमीटर ट्रांसमिशन लाइनों को स्थापित करने के लक्ष्य के करीब ले जाएगी।