नई दिल्ली। अडानी पोर्ट एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन (एपीएसईजेड) ने सोमवार को कहा कि उसने 12,000 करोड़ रुपए के एंटरप्राइज वैल्यू पर कृष्णापट्नम पोर्ट कंपनी लिमिटेड (केपीसीएल) का अधिग्रहण पूरा कर लिया है। कंपनी ने भारत के दूसरे सबसे बड़े प्राइवेट सेक्टर पोर्ट कृष्णापट्नम पोर्ट में नियंत्रणकारी 75 प्रतिशत हिस्सेदारी का अधिग्रहण कर लिया है और यह अधिग्रहण से 2025 तक 50 करोड़ टन हैंडलिंग क्षमता उत्पन्न होगी। एपीएसईजेड को उम्मीद है कि इस अधिग्रहण के साथ उसकी बाजार हिस्सेदारी वित्त वर्ष 2020-21 में 21 प्रतिशत से बढ़कर 25 प्रतिशत हो जाएगी।
कंपनी ने अपने एक बयान में कहा कि अडानी ग्रुप के भारत के सबसे बड़े पोर्ट डेवलपर, ऑपरेटर और लॉजिस्टिक इकाई एपीएसईजेड ने आज 12,000 करोड़ रुपए में केपीसीएल का अधिग्रहण पूरा कर लिया है। इस अधिग्रहण के तहत एपीएसईजेड ने सीवीआर ग्रुप और अन्य निवेशकों से केपीसीएल में 75 प्रतिशत नियंत्रणकारी हिस्सेदारी हासिल होगी।
कृष्णापट्नम पोर्ट कंपनी लिमिटेड एक मल्टी-कार्गो फेसीलिटी पोर्ट है, जो आंध्र प्रदेश के दक्षिणी हिस्से में स्थित है। कंपनी ने कहा कि वित्त वर्ष 2020-21 में पोर्ट में 1200 करोड़ रुपए का राजस्व उत्पन्न होने की संभावना है। इस अधिग्रहण के साथ एपीसीईजेड की कुल हैंडलिंग क्षमता 2025 तक बढ़कर 50 करोड़ टन हो जाएगी।
अडानी पोर्ट एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन के सीईओ और पूर्ण कालिक सदस्य करण अडानी ने कहा कि मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि भारत में दूसरा सबसे बड़ा प्राइवेट पोर्ट केपीसीएल अब एपीएसईजेड के पोर्टफोलियो का हिस्सा बन गया है। उन्होंने कहा कि यह बदलावकारी अधिग्रहण हमें विश्व स्तरीय उपभोक्ता सर्विस प्रदान करने में सक्षम बनाएगा।
अडानी पोर्ट एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन के पास 11 रणनीतिक स्थानों पर स्थित पोर्ट्स और टर्मिनल हैं, जो देश की कुल पोर्ट क्षमता का 24 प्रतिशत हिस्से का प्रतिनिधित्व करते हैं। कंपनी केरल के विझीनजम में ट्रांस शिपमेंट और म्यांमार में एक कंटेनर टर्मिनल का निर्माण कर रही है।