नई दिल्ली। वित्तीय कंपनी डीएचएफएल के लिए बोली लगाने वाली चार संस्थाओं में अडाणी समूह और पीरामल एंटरप्राइजेज शामिल हैं। सूत्रों ने यह जानकारी दी। डीएचएफएल दिवालिया प्रक्रिया में रखी गयी पहली वित्तीय सेवा कंपनी है। सूत्रों ने बताया कि इसके अलावा अमेरिका स्थित ओकट्री और हांगकांग स्थित एससी लॉवी ने अंतिम बोली दाखिल करने के आखिरी दिन 17 अक्टूबर को डीएचएफएल के लिए बोली लगाई। भारतीय रिजर्व बैंक ने नवंबर में डीएचएफएल को दिवालिया प्रक्रिया के लिए राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) के हवाले किया था। डीएचएफएल पहली वित्तीय कंपनी है, जिसे आरबीआई ने धारा 227 के तहत विशेष शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए एनसीएलटी में भेजा। इससे पहले कंपनी के बोर्ड को बर्खास्त कर दिया गया था और आर सुब्रमण्यकुमार को प्रशासक नियुक्त किया गया। वह आईबीसी के तहत दिवालिया पेशेवर भी हैं।
सूत्रों के अनुसार, ओकट्री ने पूरी कंपनी के लिए बोली लगाई है और बोली 20,000 करोड़ रुपये की है, जबकि कंपनी की देनदारी 95,000 करोड़ रुपये और नकद 10,000 करोड़ रुपये हैं। अडाणी समूह ने डीएचएफएल के 40,000 करोड़ रुपये के थोक और झुग्गी पुनर्वास प्राधिकरण (एसआरए) पोर्टफोलियो के लिए बोली लगाई है, जिसका मूल्यांकन करीब 3,000 करोड़ किया गया है। पीरामल एंटरप्राइजेज ने डीएचएफएल के रिटेल पोर्टफोलियो के लिए बोली लगाई है। कंपनी ने इस कारोबार के लिए 12,000 करोड़ रुपये की बोली लगाई है। बैंकर्स के अनुसार चौथी बोली लगाने वाली एससी लॉवी की बोली कई शर्तों के साथ है, जिस पर विचार करना संभव नहीं।