नई दिल्ली। अरबपति कारोबारी गौतम अडानी के नेतृत्व वाले अडानी समूह ने दिवालिया प्रक्रिया से गुजर रही रुचि सोया के अधिग्रहण के लिए 6,000 करोड़ रुपए की पेशकश की है। इस मामले से जुड़े सूत्रों ने बताया कि कंपनी अधिग्रहण के लिए सबसे बड़ी बोलीदाता के रूप में उभरी है। उन्होंने कहा कि बाबा रामदेव प्रवर्तित पतंजलि आयुर्वेद ने करीब 5,700 करोड़ रुपए की बोली लगाई है।
हालांकि, स्विस चैलेंज विधि के तहत चल रही नीलामी प्रक्रिया के अंतर्गत पतंजलि के पास पेशकश का मिलान करने का अधिकार होगा। रुचि सोया के कर्जदाताओं की समिति (सीओसी) ने आज आयोजित बैठक में पतंजलि और अडानी विलमर द्वारा दाखिल बोली को खोला।
सीओसी ने रुचि सोया की परिसंपत्ति के मूल्य को अधिकतम करने के लिए स्विस चैलेंज विधि का कार्यान्वयन करने का निर्णय लिया है। बोली के मूल्य को लेकर पतंजलि के प्रवक्ता ने कोई जानकारी नहीं दी है। हालांकि सिरिल अमरचंद मंगलदास के इस्तीफे के मुद्दे पर सवाल उठाए।
पतंजलि के प्रवक्ता एस के तिजारावाला ने कहा कि हम हैरान हैं और सीओसी से जानकारी मांगेंगे। हमने सिरिल अमरचंद मंगलदास के इस्तीफे के मुद्दे पर पत्र लिखा है। सूत्रों ने कहा कि कर्जदाता रुचि सोया के अधिग्रहण के लिए लगाई गई शुरुआती बोली से खुश नहीं है। इस दौरान पतंजलि 4,300 करोड़ रुपए की पेशकश के साथ सबसे बड़ी बोलीदाता के रूप में उभरी थी। अडानी ने 3,300 करोड़ रुपए की बोली लगाई थी। रुचि सोया पर बैंकों का करीब 12,000 करोड़ रुपए का कर्ज बकाया है।
स्विस चैलेंज विधि के अंतर्गत, अडानी को पेशकश का एक और मौका मिलेगा यदि पतंजलि उसकी 6,000 करोड़ रुपए की पेशकश के बराबर या उससे अच्छी बोली लगाती है। पतंजलि और अडानी के अलावा इमामी एग्रोटेक और गोदरेज एग्रोवेट ने भी रुचि सोया के अधिग्रहण की इच्छा जताई थी।