सिडनी। देश के जाने-माने बिजनेसमैन गौतम अडानी को ऑस्ट्रेलिया में बड़ी जीत हासिल हुई है। ऑस्ट्रेलिया सरकार ने गुरुवार को अडानी एंटरप्राइजेज को गैलीली बेसिन में कोल माइंस को डेवलप करने के लिए दोबारा ताजा पर्यावरण मंजूरी दे दी है। अडानी को यह मंजूरी दो प्रजातियों के जीवों के संरक्षण को सुनिश्चित करने की शर्त पर दी गई है। ऑस्ट्रेलिया के पर्यावरण मंत्री ग्रेग हंट ने इस फैसले की घोषणा कर अडारी के लिए अविकसित गैलीली बेसिन में 7 अरब डॉलर वाले प्रोजेक्ट को शुरू करने का रास्ता खोल दिया है। इससे पहले पर्यावरणविदों के विरोध के कारण ऑस्ट्रेलिया सरकार ने मंजूरी को रद्द कर दिया था। इस प्रोजेक्ट के शुरू होने पर यहां से एक्सपोर्ट होने वाले कोयले से ऑस्ट्रेलिया सरकार को अरबों रुपए का राजस्व हासिल होगा।
इस खबर के बाद अडानी एंटरप्राइजेज के शेयर में जबरदस्त उछाल देखने को मिला। गुरूवार के कारोबार में कंपनी का शेयर 14.32 फीसदी चढ़कर 97 रुपए के स्तर पर बंद हुआ। अडानी पहले चरण में ऑस्ट्रेलिया की इस माइंस से सालाना 4 करोड़ टन कोयले का आयात भारत में करना चाहती है। इस कोयले का इस्तेमाल अडानी अपने पावर प्लांट में कच्चे माल के तौर पर करेगी। पिछले पांच सालों से सामाजिक और पर्यावरण संरक्षण संगठन ऑस्ट्रेलिया में अडानी के इस प्रोजेक्ट का विरोध कर रहे हैं।
अगस्त में ऑस्ट्रेलिया की एक कोर्ट ने यक्का स्किंक और ओर्नामेंटल स्नेक प्रजाति के सरंक्षण के लिए अडानी के इस प्रोजेक्ट पर रोक लगा दी थी। हंट ने कहा कि स्थानीय समुदाय द्वारा जताई गई चिंताओं को ध्यान में रखते हुए कुछ शर्तों के साथ यह मंजूरी दी जा रही है। शर्तों के तहत अडानी एंटरप्राइजेज को उच्च पर्यावरण मानक अपनाने होंगे। इसके अलावा शर्तों में लुप्तप्राय फिन्च के संरक्षण और उसके निवास स्थान में सुधार, भूजल का संरक्षण और गैलीली बेसिन में संकटग्रस्त प्रजातियों के सरंक्षण में सुधार हेतु रिसर्च के लिए 10 लाख ऑस्ट्रेलियन डॉलर की उपलब्धता शामिल है।
अडानी ऑस्ट्रेलिया ने एक बयान में कहा है कि उसके पास अन्य मंजूरिया से ही हैं और अब वह जल्द ही क्वींसलेंड में कोल माइंस, रेल और पोर्ट प्रोजेक्ट के डेवलपमेंट पर काम शुरू करेगी। उसने कहा कि इससे यहां 10 हजार लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार हासिल होगा। सरकार को 22 अरब ऑस्ट्रेलियन डॉलर के टैक्स ओर रॉयल्टी हासिल होगी।