मेलबर्न। भारतीय उद्योग समूह अडाणी एंटरप्राइज ने ऑस्ट्रेलिया की अपनी विवादास्पद 21.7 अरब डॉलर वाली कार्माइकल कोयला खान परियोजना में निवेश के लिए अंतिम मंजूरी दे दी। ग्रेट बैरियर रीफ के पास होने की वजह से पर्यावरण संबंधी चिंताओं के चलते इस परियोजना के रास्ते में कई तरह की अड़चनें आ रही हैं।
अडानी समूह के चेयरमैन गौतम अडाणी ने कहा कि,
मुझे यह घोषणा करते हुए गर्व है कि परियोजना को अंतिम निवेश निर्णय (FID) मंजूरी मिल गई है जिससे ऑस्ट्रेलिया के हालिया इतिहास में सबसे बड़ी एकल बुनियादी ढांचा एवं रोजगार सृजन विकास परियोजनाओं में से एक पारियोजना की आधिकारिक शुरुआत हो गई। यह अडाणी एंटरप्राइज के लिए ऐतिहासिक दिन है, क्वींसलैंड के लिए ऐतिहासिक दिन है और ऑ स्ट्रेलिया में भारतीय निवेश के लिए ऐतिहासिक दिन है।
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इस घोषणा से कुछ ही दिन पहले अडाणी समूह ने इस परियोजना से उत्पादित कोयले पर रॉयल्टी अदा करने पर सहमति जताई थी। इससे पहले समूह ने इस विवादित परियोजना को आगे बढ़ाने में मदद करने के लिए क्वींसलैंड सरकार के साथ समझौता किया था। अडाणी समूह के प्रमुख ने कहा कि यह ऑस्ट्रेलिया में किसी भारतीय कंपनी का सबसे बड़ा निवेश है और मेरा मानना है कि निवेश एवं व्यापार सौदों के साथ अन्य भी इसका अनुसरण करेंगे।
अडाणी ने कहा कि हमें अदालत में सामाजिक कार्यकर्ताओं से चुनौती मिली। यहां तक कि उन बैंकों के बाहर भी विरोध प्रदर्शन हुए जिनके साथ हमने फाइनेंस के लिए संपर्क नहीं किया था। हमें कार्यकर्ताओं की चुनौती अब भी मिल रही है, लेकिन हम इस परियोजना को लेकर प्रतिबद्ध हैं। अडाणी ने कहा कि कार्माइकल परियोजना से 10,000 प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार अवसरों का सृजन होगा।
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क्वींसलैंड की प्रीमियर अनास्टाशिया पालसज्सजुक ने आज आधिकारिक तौर पर अडाणी के क्षेत्रीय मुख्यालय का टाउंसविले में शुभारंभ किया। यहां से कंपनी परियोजना के निर्माण और परिचालन की देखरेख करेगी। इस कार्यक्रम के उत्तरी ऑस्ट्रेलिया और संसाधन के संघीय मंत्री, सीनेटर मैट कैनावन ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री मैल्कम टर्नबुल के प्रतिनिधि के रूप में मौजूद थे। अडाणी ऑस्ट्रेलिया के कंट्री प्रमुख एवं मुख्य कार्यकारी जयकुमार जनकराज ने कहा कि कंपनी पहले ही इस परियोजना में 3.3 अरब डॉलर का निवेश कर चुकी है।