Monday, November 25, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. बिज़नेस
  4. अडानी की ऑस्‍ट्रेलिया कोयला खान प्रोजेक्‍ट की एक और बाधा हुई दूर, कोर्ट ने खारिज की विरोध में दायर याचिका

अडानी की ऑस्‍ट्रेलिया कोयला खान प्रोजेक्‍ट की एक और बाधा हुई दूर, कोर्ट ने खारिज की विरोध में दायर याचिका

अडानी समूह की ऑस्‍ट्रेलिया स्थित कोयला खान परियोजना के खिलाफ स्थानीय समूह द्वारा दायर की गई एक याचिका को ब्रिस्बेन सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है।

Manish Mishra
Updated on: August 22, 2017 17:54 IST
अडानी की ऑस्‍ट्रेलिया कोयला खान प्रोजेक्‍ट की एक और बाधा हुई दूर, कोर्ट ने खारिज की विरोध में दायर याचिका- India TV Paisa
अडानी की ऑस्‍ट्रेलिया कोयला खान प्रोजेक्‍ट की एक और बाधा हुई दूर, कोर्ट ने खारिज की विरोध में दायर याचिका

मेलबोर्न। भारत के प्रमुख खनन समूह अडानीसमूह की ऑस्‍ट्रेलिया स्थित कोयला खान परियोजना के खिलाफ स्थानीय समूह द्वारा दायर की गई एक याचिका को ब्रिस्बेन सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। इसके बाद 16.5 अरब डॉलर की इस विवादित परियोजना के रास्ते से एक और अवरोध हट गया है। कार्माइकल कोयला खान परियोजना विश्‍व की सबसे बड़ी परियोजनाओं में से एक है। क्‍वींसलैंड और संघीय सरकार की ओर से मंजूरी के बाद इस पर इस साल से काम शुरु होगा।

यह भी पढ़ें : रामदेव के बाद श्री श्री रविशंकर उड़ाएंगे MNC की नींद, 1000 रिटेल स्टोर खोलकर बेचेंगे आयुर्वेदिक प्रोडक्ट

इस परियोजना के तहत 11 लाख घन मीटर की गाद निकाली जानी है जो पर्यावरण की दृष्टि से अहम ग्रेट बैरियर रीफ मरीन पार्क के करीब है। इसलिए यह परियोजना विवाद का विषय बन गई है क्योंकि स्थानीय पर्यावरण कार्यकर्ता इसका विरोध कर रहे हैं। हालांकि, कई पर्यावरण और राजनीतिक समूहों द्वारा निशाना बनाए जाने के बावजूद अडानी समूह ने इस परियोजना को लेकर अपनी प्रतिबद्धता जतायी है जो आर्थकि समृद्धि और क्‍वींसलैंड के हजारों लोगों के लिए रोजगार सृजन करेगी।

इस साल मई में वानगान और जगलिनगोउ समूह के वकीलों ने अदालत में जिरह की थी कि अडानी समूह को खनन का पट्टा देना गैर-कानूनी होगा क्योंकि प्रस्तावित कार्माइकल क्षेत्र से संबंधित मूल निवासी मालिकाना हक का मुद्दा सुलझाने के लिए उसने राज्य सरकार को पर्याप्त अवसर नहीं दिया है। इन समूहों का गैलीली बेसिन में प्रस्तावित इस खान क्षेत्र के मूल निवासी होने और इस पर मालिकाना हक का दावा है।

यह भी पढ़ें : इंफोसिस के शेयरों में गिरावट पर Sebi की है नजर, शेयर बायबैक की घोषणा के बावजूद 5 फीसदी टूटे शेयर

हालांकि, अडानी और राज्य सरकार का कहना है कि क्षेत्र के पारंपरिक मालिकों ने खान पर खनिज संसाधन कानून 1989 के नियमों के तहत कोई आपत्ति नहीं जताई है। आज के फैसले पर डब्ल्यू एंड जे ट्रेडिशनल ओनर्स काउंसिल के वरिष्ठ प्रवक्ता एड्रियन बुरागुब्बा ने कहा कि जहां खनन हो रहा है वहां पारंपरिक मालिकों के साथ न्याय नहीं हुआ है। हम अभी हारे नहीं है और अपने देश और अधिकारों की रक्षा के लिए हम सभी कानूनी विकल्पों का सहारा लेंगे। इसी बीच अडानी समूह ने अदालत के इस फैसले का स्वागत किया है।

Latest Business News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Business News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement