नई दिल्ली। वर्ल्ड बैंक ने कहा कि यदि भारत को अपनी अर्थव्यवस्था की ग्रोथ दर 7.6 फीसदी बनाए रखनी है तो उसे प्राइवेट इन्वेस्टमेंट के साथ-साथ ग्रामीण मांग को बढ़ाने पर काम करना होगा। इसके लिए उसे अपनी अर्थव्यवस्था के बंद पड़े इंजनों को सक्रिय करना होगा। बैंक ने कहा कि वर्ष 2015-16 में भारतीय अर्थव्यवस्था ने अपने के कई इंजनों के बंद पड़े होने के बावजूद भारत की अर्थव्यवस्था ने विस्तार किया है।
बैंक ने अपनी द्विवार्षिक रिपोर्ट इंडिया डेवलपमेंट अपडेट में कहा, कृषि को लगातार दो साल से सूखे का सामना करना पड़ रहा है और ग्रामीण उपभोग कम है। इसके अलावा निजी निवेश और निर्यात ने भी अपनी क्षमता के अनुरूप प्रदर्शन नहीं किया है।
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि 7.6 फीसदी की वृद्धि दर को 2016-17 में भी बरकरार रखने के लिए मुख्य चुनौती अर्थव्यवस्था के बंद पड़े इंजनों को सक्रिय बनाना है जिनमें कृषि वृद्धि, ग्रामीण मांग, व्यापार एवं निजी निवेश को सुधारने के साथ ही यह भी ध्यान रखना होगा कि सार्वजनिक निवेश और शहरी मांग में कोई कमी नहीं आए। बैंक ने वित्त वर्ष 2016-17 में भारती की वृद्धि दर 7.6 फीसदी, 2017-18 में 7.7 फीसदी और 2018-19 में 7.8 फीसदी रहने का अनुमान जताया है।
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