नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में 6000 करोड़ रुपए के निवेश के साथ स्थापित होने वाला पतंजलि मेगा फूड पार्क का सपना अब कभी साकार नहीं होगा। पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के सीईओ आचार्य बालकृष्ण ने मंगलवार को एक ट्वीट में कहा, आज ग्रेटर नोएडा में केंद्रीय सरकार से स्वीकृत मेगा फूड पार्क को निरस्त करने की सूचना मिली। श्रीराम व कृष्ण की पवित्र भूमि के किसानों के जीवन में समृद्धि लाने का संकल्प प्रांतीय सरकार की उदासीनता के चलते अधूरा ही रह गया। पतंजलि ने प्रोजेक्ट को अन्यत्र शिफ्ट करने का निर्णय लिया है।
आपको बता दें कि पतंजलि आयुर्वेद ने नवंबर 2016 में उत्तर प्रदेश सरकार के साथ राज्य में 6000 करोड़ रुपए के निवेश की घोषणा की थी। इसमें यमुना एक्सप्रेस-वे पर 450 एकड़ में फूड पार्क की स्थापना भी शामिल है। इस पार्क के लिए पतंजलि ने जमीन भी खरीद ली थी और निर्माण कार्य भी शुरू हो चुका था। अब प्रदेश सरकार ने जमीन आवंटन निरस्त करने की सूचना दी है। आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि योगी सरकार में काम कम और बातें ज्यादा हो रही हैं।
अखिलेश सरकार ने नवंबर में ही पतंजलि आयुर्वेद के इस प्रोजेक्ट को अपनी मंजूरी दे दी थी। इस प्रोजेक्ट के तहत 6000 करोड़ रुपए के निवेश के साथ ग्रेटर नोएडा में कृषि प्रसंस्करण संयंत्र की स्थापना का प्रस्ताव था। इसके लिए 450 एकड़ जमीन भी आवंटित कर दी गई थी। अखिलेश सरकार ने इस निवेश प्रस्ताव को इसलिए तेजी से आगे बढ़ाने में रुचि दिखाई थी, क्योंकि वह निवेशकों को प्रोत्साहित कर प्रदेश में रोजगार के अवसरों का सृजन करना चाहती थी।
ग्रेटर नोएडा में प्रस्तावित यह अंतरराष्ट्रीय फूड पार्क विदेशी और घरेलू बाजार की जरूरतों को पूरा करने में सक्षम होता। उस समय कहा गया था कि पूर्ण क्षमता पर यह संयंत्र सालाना 25,000 करोड़ रुपए के उत्पादों का उत्पादन करने में सक्षम होता। इस फूड पार्क की स्थापना से प्रदेश में 10,000 लोगों को रोजगार मिलने की संभावना थी, जिससे 50,000 परिवारों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से लाभ मिलता।