नई दिल्ली। दूरसंचार नेटवर्क में बड़े पैमाने पर चीन के उपकरणों के इस्तेमाल को लेकर चिंता के बीच भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने कहा है कि भारत को ‘रणनीतिक’ कारणों से संचार उपकरणों के घरेलू विनिर्माण को तेज करना चाहिए। ट्राई के चेयरमैन आर एस शर्मा ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘भारत मोबाइल हैंडसेट के विनिर्माण का बड़ा केंद्र बन गया है, लेकिन दूरसंचार उपकरणों के मामले में भी ऐसा किए जाने की जरूरत है। यह रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण दूरसंचार नेटवर्क का संवेदनशील और मुख्य सिस्टम है।’’ शर्मा ने बताया कि नियामक पहले ही स्थानीय स्तर पर दूरसंचार उपकरणों के विनिर्माण पर विस्तृत सिफारिशें दे चुका है।
दुनिया और भारत में सुरक्षा कारणों से नेटवर्क में चीनी उपकरणों का इस्तेमाल नहीं करने को लेकर आवाज उठ रही है। इस दृष्टि से ट्राई के प्रमुख का यह बयान महत्वपूर्ण है। भारत अभी यह आकलन कर रहा है कि क्या हुवावेई और जेडटीई को आगामी 5जी परीक्षण से बाहर रखा जा सकता है। हालांकि, अभी इसपर अंतिम निर्णय नहीं हुआ है। शर्मा ने कहा, ‘‘यह देश के रणनीतिक हित में होगा कि हम घरेलू स्तर पर दूरसंचार उपकरणों का विनिर्माण तेज करें। ट्राई कुछ समय पहले इसपर अपनी सिफारिशें दे चुका है।’’ यह पूछे जाने पर कि क्या चीन में बने उपकरणों को लेकर चिंता की वजह से दूरसंचार क्षेत्र में घरेलू विनिर्माण पर ध्यान दिए जाने की जरूरत है, शर्मा ने कहा, ‘‘निश्चित रूप से। यह रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम अपनी सिफारिशें दे चुके हैं। हमने कहा है कि दूरसंचार उपकरणों का घरेलू विनिर्माण देश के रणनीतिक हित में है।’’ ट्राई प्रमुख ने कहा कि हम हैंडसेट का विनिर्माण कर रहे हैं, ऐसे में ‘सेंट्रल नर्वस सिस्टम’ भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह एक संवेदनशील मुद्दा है। इन उपकरणों का विनिर्माण देश में ही होना चाहिए। उन्होंने देश में हैंडसेट उत्पादन के लिए उठाए गए कदमों की सराहना करते हुए कहा कि अब इनका विनिर्माण व्यापक पैमाने पर हो रहा है। हमें इस सफलता का इस्तेमाल घरेलू स्तर पर दूरसंचार उपकरणों के विनिर्माण में भी करना चाहिए।