नई दिल्ली। सरकार आक्रमक तरीके से एलईडी बल्ब के उपयोग को बढ़ावा दे रही है लेकिन एक सर्वे में दावा किया गया है कि 64 फीसदी लोगों को ये बल्ब नहीं मिले। उन्हें यह भी पता नहीं है कि इसे कैसे हासिल किया जाए। लोकल सर्किल द्वारा 56 से अधिक शहरों और 20 से अधिक राज्यों में किये गए सर्वे में 64 फीसदी ग्राहकों ने कहा कि उन्हें यह पता ही नहीं है कि ये एलईडी बल्ब कैसे हासिल किये जा सकते हैं।
सर्वे में कहा गया, इसका कारण यह है कि योजना के बारे में ग्राहकों को उपयुक्त तरीके से सूचित नहीं किया गया है। इन लोगों को पता नहीं है कि इन बल्बों को कहां से खरीदना है, कितने बल्ब वे खरीद सकते हैं और इसके लिये क्या कागजी कार्रवाई की जरूरत है। सरकार ने एलईडी वितरण योजना की घोषणा की है। इसके तहत संबंधित बिजली बोर्ड के ग्राहक एलईडी सस्ती दर पर खरीद सकते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने योजना अप्रैल 2015 में शुरू की थी। हालांकि, योजना की घोषणा केंद्र सरकार ने की, इसका वितरण और क्रियान्वयन राज्य बिजली बोर्ड के हाथ में है। उपभोक्ताओं का मानना है कि एलईडी बल्ब खरीदने की प्रक्रिया सरल होनी चाहिए। इसके बारे में स्थानीय क्षेत्रीय भाषा समेत सभी भाषाओं में प्रचार-प्रसार होना चाहिए। साथ ही ग्राहकों को भेजे जाने वाले बिल में भी इसकी जानकारी होनी चाहिए।
सर्वे में कहा गया है कि नागरिकों ने यह भी सुझाव दिया कि स्थानीय वितरण एजेंसियों को एसएमएस भेजना चाहिए और एक ऐसा नंबर होना चाहिए जहां वे कॉल करके सूचना प्राप्त कर सकें। सर्वे में यह भी सुझाव दिया गया है कि इन बल्बों पर विशिष्ट निशान होने चाहिए ताकि इसे खुले बाजार में नहीं बेचा जा सके। ग्राहकों का मानना है कि इसकी काफी संभावना है कि गड़बड़ी करने वालों तत्वों द्वारा सब्सिडी वाले एलईडी बल्ब खुले बाजार में बेचे जा रहे हों।
सर्वे के अनुसार राज्यवार ब्योरा देखा जाए तो दिल्ली में 67 प्रतिशत लोगों को नहीं पता कि सब्सिडी वाला एलईडी बल्ब कैसे प्राप्त किया जाए। वहीं आंध्र प्रदेश, गुजरात और हरियाणा में यह क्रमश: 48 प्रतिशत, 58 प्रतिशत और 79 प्रतिशत है। कर्नाटक में 54 प्रतिशत, मध्य प्रदेश में 39 प्रतिशत, महाराष्ट्र में 73 प्रतिशत, पंजाब में 92 प्रतिशत, राजस्थान में 39 प्रतिशत, तमिलनाडु में 96 प्रतिशत, उत्तर प्रदेश में 59 प्रतिशत तथा पश्चिम बंगाल में 97 प्रतिशत है।