नई दिल्ली। ऋण के बोझ से दबी ABG शिपयार्ड से करीब 17,000 करोड़ रुपए के कर्ज की वसूली के लिए कंपनी को बिक्री के लिए रखा गया है। लेकिन बोली लगाने वाले बोलीदाताओं ने कंपनी के शेयर खरीदने में अपनी रुचि नहीं दिखाई है।
आईसीआईसीआई बैंक की अगुवाई वाले करीब दो दर्जन बैंकों के गठजोड़ ने करीब 51 प्रतिशत इक्विटी की बिक्री का काम एसबीआई कैप्स को सौंपा है। ऋण को इक्विटी में बदलने के बाद बैंकों को कंपनी के ये शेयर प्राप्त हुए हैं।
समझा जाता है कि इसके लिए दो कंपनियों ब्रिटेन के लिबर्टी हाउस ग्रुप और रिलायंस डिफेंस एंड इंजीनियरिंग ने रुचि पत्र (ईओआई) दिया है। रिलायंस डिफेंस एंड इंजीनियरिंग के प्रवक्ता ने इस मामले पर कोई टिप्पणी नहीं की।
- हालांकि सूत्रों ने बताया कि कंपनी ने एबीजी शिपयार्ड की कुछ सहमति वाली संपत्तियों के लिए संपत्ति खरीद करार करने की इच्छा जताई है।
- कंपनी बैंकों या प्रवर्तकों के शेयर खरीदने की इच्छुक नहीं है।
- लिबर्टी हाउस ने भी कंपनी का मौजूदा 17,000 करोड़ रुपए का समूचा कर्ज कंपनी की सभी संपत्तियों के एवज में लेने की इच्छा जताई है।
- इस बारे में लिबर्टी हाउस से संपर्क नहीं हो पाया।
- एसडीआर स्कीम के तहत बैंकों के कंसोर्टियम ने कंपनी को दिए गए कर्ज को इक्विटी में बदलने की मंजूरी दी थी।
- इसके तहत आईसीआईसीआई बैंक ने पिछले साल अक्टूबर में सबसे ज्यादा हिस्सेदारी 11.08 प्रतिशत का अधिग्रहण किया था।
- बैंकों ने सीडीआर स्कीम के तहत 2013 में अपने लोन को रिस्ट्रक्चर किया था।
- लोन देने वाले बैंकों में एसबीआई, देना बैंक, पीएनबी और आईडीबीआई बैंक भी शामिल हैं।
- 1985 में स्थापित एबीजी शिपयार्ड एबीजी ग्रुप की प्रमुख कंपनी है और यह शिपिंग और सीमेंट सेक्टर तथा जहाज व रिग्स निर्माण के क्षेत्र में कार्यरत है।
- एबीजी भारतीय जल सेना द्वारा भारत में स्वीकृत तीन निजी शिपयार्ड कंपनियों में से एक है।
- इसने भारतीय रक्षा क्षेत्र के लिए 23 जहाजों का निर्माण किया है।