नई दिल्ली। आत्मनिर्भर भारत योजना के पीछे सरकार की मुख्य सोच निर्यात को बढ़ावा देना और देश में आयात के विकल्पों की तलाश करना है जिससे आयात को घटाया जा सके। ये बात सड़क परिवहन एवं राजमार्ग और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री, नितिन गडकरी ने आज एक कार्यक्रम में कही। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार ने अगले 5 सालों में देश की अर्थव्यवस्था को 5 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखा है। इसके साथ ही सरकार निवेश और आर्थिक विकास बढ़ाने और ज्यादा से ज्यादा रोजगार देने का भी लक्ष्य लेकर चल रही है।
जैविक खेती और बायो-फ्यूल पर जोर
केंद्रीय मंत्री ने पेट्रोल और डीजल के सस्ते और बेहतर विकल्प के रूप में इथेनॉल और बायो-फ्यूल के उपयोग का समर्थन किया। इससे प्रदूषण में कमी आएगी और किसानों को अच्छी कीमत मिल सकेगी साथ ही इससे पूरे देश में कृषि आधारित उद्योग लगाने में भी मदद करेगी। केंद्रीय मंत्री ने जैविक खेती का समर्थन किया और कहा कि भारत को अपने कृषि उत्पादों को पूरी दुनिया में निर्यात करना चाहिए।उन्होने कहा कि इथेनॉल और बायो-फ्यूल को प्रोत्साहित करने से, बदले में, भारतीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा, क्योंकि देश में चावल, मक्का, चीनी और गेहूं सरप्लस में है।
MSME सेक्टर में 5 साल में 5 करोड़ रोजगार
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि एमएसएमई क्षेत्र ने अगले पांच वर्षों में पांच करोड़ अतिरिक्त रोजगार देने का लक्ष्य तय किया है। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों की आय को दोगुना करने, मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने, विज्ञान और प्रौद्योगिकी व इनोवेशन को उन्नत करने और व्यापार करने की सुगमता की सुविधाएं देने की दिशा में काम कर रही है। मंत्री ने कहा कि 8 से 10 दिनों के भीतर वाहन उद्योग के लिए फ्लेक्स इंजन बनाना अनिवार्य कर दिया जाएगा। उपभोक्ता के पास यह विकल्प होगा कि वह 100 फीसदी पेट्रोल चाहता है या 100 फीसदी इथेनॉल/बायो-फ्यूल। उन्होंने कहा कि इथेनॉल पेट्रोल से बेहतर ईंधन है, क्योंकि यह आयात का विकल्प है, कम खर्चीला, प्रदूषण मुक्त और स्वदेशी है।