कोलकाता। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने आज कहा कि आधार जोड़ने की प्रक्रिया पूरी होते ही वह एक ही व्यक्ति के एक से अधिक खाता संख्या को अपने डाटा में से बाहर करने के लिए सक्षम हो जाएगा।
अतिरिक्त केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त एसबी सिन्हा ने बताया कि आधार तथा बैंक खाते जोड़ने से कई भविष्य निधि खाता रखने वालों से निपटने में मदद मिलगी। उन्होंने कहा कि बैंक खाता जोड़ने से सदस्यों को अपना खाता कहीं से भी प्रबंधित करने व दावा निपटान में मदद मिलेगी।
वह आईसीसी द्वारा आयोजित भविष्य निधि पर संगोष्ठी में पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे। इस मौके पर क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त नवेंदु राय ने कहा कि पश्चिम बंगाल में अभी भविष्य निधि में योगदान देने वाले 26 लाख नियमित सदस्य हैं लेकिन भविष्य निधि खाताओं की संख्या करीब 70 लाख है।
उन्होंने बताया कि नौकरी बदलने के कारण औसतन प्रति व्यक्ति तीन खाता हैं। उल्लेखनीय है कि सार्वभौम खाता संख्या (यूएएन) के लिए एक जुलाई 2017 से आधार, बैंक खाता व मोबाइल नंबर जरूरी कर दिया गया है।