नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि संसद द्वारा पारित आधार कानून यह सुनिश्चित करेगा कि सभी वास्तविक लाभार्थी ही प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) योजना के दायरे में आएं और सरकारी सहायता के दुरुपयोग को रोका जा सके। जेटली डीबीटी पर वित्त मंत्रालय से संबद्ध परामर्श समिति की तीसरी बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा, डीबीटी योजना बेहद महत्वपूर्ण योजना है क्योंकि यह लाभ को उसके वास्तविक लाभार्थियों तक पहुंचाता है।
जेटली ने कहा कि डीबीटी यह सुनिश्चित करता है कि लाभ सीधे लक्षित आबादी तक पहुंचे और उसके दुरुपयोग को रोकने में मदद करता है। कुछ सदसयों ने सुझाव दिया कि बैंक प्रतिनिधि योजना को और मजबूत किया जाना चाहिये ताकि दूरदराज तक योजनाओं का लाभ पहुंचाया जा सके। यह भी सुझाव दिया गया कि वास्तविक लाभार्थी डीबीटी योजना से वंचित नहीं रह जाए।
सदस्यों के सुझाव और सवालों का जवाब देते हुए जेटली ने कहा कि संसद ने आधार कानून पारित किया है और उठाए गए मुद्दों के समाधान का कानून में प्रावधान है। डीबीटी के तहत 31 मई की स्थिति के मुताबिक 17 मंत्रालयों, विभागों की 74 योजनाएं चल रही हैं। बैठक में नए वित्त राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल तथा संतोष कुमार गंगवार ने भी भाग लिए। इसके अलावा संसद सदस्य तथा सलाहकार समिति के सदस्य अनिरूधन संपत, बी जे पांडा, दिलीप कुमार मनसुखलाल गांधी, पूनम महाजन, राम चरित्र निषाद तथा सुभाष चंद्र बहेरिया (लोकसभा), अनिल देसाई, कुमारी सैलजा तथा एस शेखर राय (राज्यसभा) बैठक में शामिल हुए।
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