नई दिल्ली। किसी व्यक्ति की निजता के भंग होने के डर से भले ही देश में आधार का विरोध हो रहा हो, बावजूद इसके आधार बड़े काम की चीज है। सरकार से लेकर देश की सभी वित्तीय संस्थाएं आधार के उपयोग को बढ़ावा देने के पक्ष में हैं। इसके पीछे उनके तर्क भी सही लगते हैं। केवल निजता भंग होने के डर से आधार को अनुपयोगी मान लेना ठीक नहीं होगा। सरकार यदि ऐसी व्यवस्था करे कि आधार की वजह से किसी की निजता भंग न हो, तो भ्रष्टाचार, कालेधन जैसी समस्याओं से निपटने का इससे कारगर हथियार और कोई नहीं हो सकता। इतना ही नहीं देश में वित्तीय समावेशन में भी आधार बड़ा मददगार हो सकता है।
देश में आधार कार्ड सबसे व्यापक पहचान दस्तावेज
देश में 92 करोड़ लोगों का आधार नंबर पंजीकृत हो चुका है। इस आधार पर देश में आधार कार्ड सबसे व्यापक पहचान दस्तावेज बन चुका है। इसकी तुलना में देश में केवल 5.7 करोड़ लोगों के पासपोर्ट, 17 करोड़ लोगों के पास पैन कार्ड, 60 करोड़ लोगों के पास मतदाता पहचान पत्र, 15 करोड़ लोगों के पास राशन कार्ड और 17.3 करोड़ लोगों के पास ड्राइविंग लाइसेंस है।
सरकारी योजनाओं में बचे 2600 करोड़
राज्य व केंद्र शासित प्रदेशों की रिपोर्ट में कहा गया है कि आधार ने सामाजिक योजनाओं में फर्जी दावों को कम कर प्रभावी रूप से 2600 करोड़ रुपए की बचत करने में मदद की है। इतना ही नहीं इससे सामाजिक योजनाओं के क्रियान्वयन में काफी पारदर्शिता आई है और भ्रष्टाचार भी कम हुआ है।
बीपीएल परिवारों के लिए महत्वपूर्ण
आधार विशेषकर बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे) परिवारों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, जो कि प्रधानमंत्री जनधन योजना और केंद्र की तीन पेंशन योजना – अटल पेंशन योजना, पीएम सुरक्षा बीमा योजना और पीएम जीवन ज्योति योजना- के प्राथमिक लाभार्थी हैं। यह सभी आधार लिंक्ड योजना हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने बढ़ाया आधार का दायरा
गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने आधार कार्ड का इस्तेमाल स्वैच्छिक तौर पर महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम, जन-धन योजना, प्रोवीडेंट फंड और पेशन स्कीम सहित अन्य सेवाओं में भी करने की अनुमति दे दी है।
वित्तीय समावेशन के लिए राजन ने बताया आधार को मददगार
आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन ने वित्तीय समावेशन में आधार को बड़ा मददगार बताया है। उन्होंने कहा कि आधार लोगों द्वारा विभिन्न स्थानों से मल्टीपल लोन लेने पर अंकुश लगाने में मददगार होगा। आरबीआई ने बैंकिंग सेवाओं के विस्तार के लिए डेवलपमेंट और प्रमोशनल गतिविधियों के लिए 2000 करोड़ रुपए का एक फंड बनाने की भी घोषणा की है।
पीएफ सेटलमेंट में भी आधार को प्राथमिकता
शुक्रवार को केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त केके जालान ने कहा कि अगले साल मार्च तक पीएफ निकासी की ऑनलाइन सुविधा शुरू की जाएगी। उन्होंने कहा कि यह सुविधा शुरू करने से पहले ऐसे आवेदक जिन्होंने अपने दावे में आधार का उल्लेख किया है, का तेजी से सत्यापन सुनिश्चित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस महीने से आधार संख्या वाले पीएफ निकासी दावों का निपटान तीन दिन में करना शुरू किया जाएगा। अभी तक इस तरह के दावों का निपटान 20 दिन में किया जाना अनिवार्य है।