नई दिल्ली। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण ने 12 अंकों वाली आधार संख्या को लेकर निजता और डाटा की रक्षा संबंधी चिंताओं को दूर करने की पहल करते हुए रविवार को कहा कि आधार एक पहचान है न कि प्रोफाइलिंग का सााधन। प्राधिकरण ने इस बात पर भी जोर दिया कि आधार की जानकारियों का नियमन मजबूत कानूनों के तहत होता है। प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अजय भूषण पांडेय ने ट्विटर पर लाइव चैट के दौरान कहा कि आधार न्यूनतम सूचनाओं तथा बायोमीट्रिक्स पर आधारित है जो सबसे कम भेद्य है।
DNA लेने की योजना नहीं
भविष्य में डीएनए आधारित रूपरेखा के संबंध में पूछे गये सवाल के जवाब में पांडेय ने कहा कि फिलहाल ऐसी कोई योजना नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘हम उंगलियों के निशान, आंख की पुतली और तस्वीर लेते हैं। डीएनए या कुछ और लेने की हमारी कोई योजना नहीं है। तस्वीर, उंगलियों के निशान और पुतली आधार बनाने तथा किसी की भी पहचान करने के लिए पर्याप्त हैं।’’ उन्होंने आधार के साथ विभिन्न सूचनाओं को जोड़ने पर सरकार द्वारा निगरानी या दुरूपयोग की आशंकाओं को खारिज किया।
किसी को आधार की जानकारी नहीं देती है सरकार
पांडेय ने कहा, ‘‘जब आप बैंक में आधार संख्या देते हैं, प्राधिकरण को आपके बैंक खाता के बारे में मालूम नहीं होता है। बैंक हमें आपकी आधार संख्या और उंगलियों के निशान हमें मिलान करने के लिए देते हैं। मिलान करने की हमारी सेवा उन्हें हां या नहीं बताते हैं।’’ उन्होंने कहा कि सरकार किसी के बारे में प्रणाली से कोई सूचना नहीं पाती है।
बैंक खाते को आधार से जोड़ने से नहीं डरें
करीब डेढ़ घंटे चल प्रश्नोत्तर के दौरान पांडेय ने 20 से अधिक सवालों के जवाब दिये। ये सवाल गोपनीयता से लेकर बायोमीट्रिक पहचान, मोबाइल से आधार संख्या जोड़ना, पंजीयन केंद्रों को बैंकों एवं सरकारी कार्यालयों में स्थानांतरित करना आदि से संबंधित रहे। एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि बैंक खाता लोगों की संपत्ति है और खाता से आधार संख्या जोड़ने पर इस बात से बिलकुल नहीं डरना चाहिए कि सरकार किसी दिन उनका खाता बंद कर देगी।