नई दिल्ली। हरियाणा में शराब विक्रेताओं के लिए आधार नंबर और बिल काटना अनिवार्य कर दिया गया है। एक शीर्ष अधिकारी ने आज यह जानकारी दी। इसके अलावा करीब 200 गांवों के आसपास शराब की बिक्री की अनुमति नहीं होगी। इन गांवों की पंचायतों के आग्रह के बाद यह कदम उठाया गया है।
राज्य की मनोहर लाल खट्टर सरकार ने हालांकि 2018-19 के लिए शराब विक्रेताओं की संख्या नहीं बढ़ाई है, लेकिन देसी शराब पर आबकारी शुल्क में 57 प्रतिशत की भारी बढ़ोतरी का प्रस्ताव किया है। देश में बनी विदेशी शराब (आईएमएफएल) पर आबकारी शुल्क में 10 प्रतिशत वृद्धि का प्रस्ताव किया गया है। इससे शराब कीमतों में बढ़ोतरी हो सकती है।
हरियाणा सरकार ने आज 2018-19 के लिए नई आबकारी नीति पेश की। इसमें हरियाणा सरकार ने देसी शराब के न्यूनतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) में आठ प्रतिशत वृद्धि का प्रस्ताव किया है। हालांकि, आईएमएफएल के एमआरपी से छेड़छाड़ नहीं की गई है। एक अधिकारी ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों के 500 मीटर के दायरे में शराब विक्रेताओं पर रोक के आदेश के बावजूद पिछले वित्त वर्ष की तुलना में हरियाणा का शराब से मूल्यवर्धित कर (वैट) और आबकारी शुल्क संग्रह 13 प्रतिशत बढ़कर 5,682 करोड़ रुपए रहा है।
जापानी कंपनी को मिला मानेसर में पब खोलने का लाइसेंस
हरियाणा सरकार ने जापानी कंपनियों के अनुरोध पर गुड़गांव के मानेसर स्थित इंडस्ट्रियल मॉडल टाउनशिप (आईएमटी) में पब का लाइसेंस देने का निर्णय किया है।
उल्लेखनीय है कि इस क्षेत्र में जापानी कंपनियां 3,700 एकड़ में फैली हैं।
एक अधिकारी ने बताया कि एक जापानी कंपनी का पूर्व शीर्ष कार्यकारी इस समय गुड़गांव और इस टाउनशिप में रेस्तरां चला रहा है। उसने टाउनशिप में एक पब का लाइसेंस देने का अनुरोध किया है, क्योंकि जापानी बीयर ज्यादा पसंद करते हैं। हरियाणा के अतिरिक्त मुख्य सचिव (आबकारी एवं कराधान) संजीव कौशल ने कहा, आईएमटी मानेसर में जापानी कंपनियों की बड़े पैमाने पर मौजूदगी है। उनकी मांग पर विचार करते हुए सरकार ने उन्हें पब का लाइसेंस जारी करने की अनुमति दे दी है। पब लाइसेंस के तहत रेस्तरां केवल बीयर ही बेच सकते हैं जबकि बार लाइसेंस के तहत वह अन्य प्रकार की शराब की भी बिक्री कर सकते हैं।