वॉशिंगटन। भारत के आधार नंबर डिजिटल आईडी की तारीफ करते हुए वर्ल्ड बैंक ने कहा है कि इस पहल से भ्रष्टाचार कम होने से सरकार को सालाना तकरीबन एक अरब डॉलर (650 करोड़ रुपए) की बचत होती है और डिजिटल टेक्नोलॉजी से इनक्लूजन, क्षमता और इन्नोवेशन को बढ़ावा मिला है।
वर्ल्ड बैंक के चीफ इकोनॉमिस्ट कौशिक बसू ने डिजिटल डिविडेंड्स पर एक रिपोर्ट जारी करते हुए कि हमारा अनुमान है कि आधार डिजिटल आईडी से भ्रष्टाचार और लीकेज कम होने से भारत सरकार को एक साल में 1 अरब डॉलर (650 करोड़ रुपए) की बचत हुई है। यह राजकोषीय बजट के लिए मददगार है। इससे अन्य उपयोग सेवाएं उपलब्ध कराने में मदद मिली है। उन्होंने कहा कि भारत का आधार डिजिटल आइडेंटीफिकेशन सिस्टम एक अरब लोगों तक पहुंच चुका है और इनमें से अधिक गरीब लोग ज्यादा आसानी से सेवाएं प्राप्त कर पा रहे हैं और इसने सरकार को सामाजिक योजनाओं को प्रदान करना भी आसान बना दिया है। वर्ल्ड बैंक ने कहा कि भारत अपनी पूरी 1.25 अरब जनसंख्या को आधार डिजिटल के तहत रजिस्टर्ड करने की राह पर आगे बढ़ रहा है। इससे सरकार को अपनी सामाजिक योजनाओं में वंचित समूहों को शामिल करने में भी मदद मिलेगी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि डिजिटल टेक्नोलॉजी इनक्लूजन, एफीशिएंसी और इन्नोवेशन को प्रमोट कर सकती है। वर्ल्ड बैंक ग्रुप के प्रेसिडेंट जिम योंग किम ने कहा कि डिजिटल टेक्नोलॉजी बिजनेस, वर्क और सरकार को बदल कर रख देगी। उन्होंने कहा कि हमें प्रत्येक नागरिक को इससे जोड़ने की प्रक्रिया लगातार चालू रखनी चाहिए और किसी को भी पीछे नहीं छोड़ना चाहिए। अवसर खोने की कीमत बहुत नुकसान दायक होता है। उन्होंने आगे कहा कि भारत को अपने बिजनेस क्लाइमेट में सुधार के साथ-साथ लोगों की शिक्षा और स्वास्थ्य में निवेश सुधारने पर ध्यान देना चाहिए तथा अच्छी गवर्नेंस को प्रोत्साहित करना चाहिए।