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GST: टैक्‍स रेट 17-18 फीसदी रखने की सिफारिश, सु‍ब्रमण्‍यन समिति ने सरकार को सौंपी रिपोर्ट

चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर अरविंद सुब्रमण्‍यम की अध्‍यक्षता में गठित समिति ने सिफारिश की है कि GST में स्‍टैंडर्ड रेट 17-18 फीसदी होना चाहिए।

Abhishek Shrivastava
Updated on: December 04, 2015 18:58 IST
GST: टैक्‍स रेट 17-18 फीसदी रखने की सिफारिश, सु‍ब्रमण्‍यन समिति ने सरकार को सौंपी रिपोर्ट- India TV Paisa
GST: टैक्‍स रेट 17-18 फीसदी रखने की सिफारिश, सु‍ब्रमण्‍यन समिति ने सरकार को सौंपी रिपोर्ट

नई दिल्‍ली। चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर अरविंद सुब्रमण्‍यन की अध्‍यक्षता में गठित समिति ने सरकार से सिफारिश की है कि गुड्स एंड सर्विसेस टैक्‍स (GST) में स्‍टैंडर्ड रेट 17-18 फीसदी होना चाहिए। इस सिफारिश के साथ ही इस महत्‍वपूर्ण सुधार कानून के चालू शीतकालीन सत्र में पास होने की संभावनाएं और बढ़ गई हैं। क्‍योंकि मुख्‍य विपक्षी दल कांग्रेस भी 18 फीसदी जीएसटी रेट की मांग कर रही है। समिति ने रेवेन्‍यू न्यूट्रल रेट 15 से 15.5 फीसदी रखने की सिफारिश की है और यह स्‍टैंडर्ड रेट इसी पर आधारित है।

सरकार द्वारा GST पर गठित मुख्‍य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्‍यम की अध्‍यक्षता वाली समिति ने शुक्रवार को केंद्रीय वित्‍त मंत्री अरुण जेटली को अपनी अंतिम रिपोर्ट सौंपी है। इस रिपोर्ट में समिति ने अंतरराज्‍यी व्‍यापार पर एक फीसदी अतिरिक्‍त टैक्‍स को समाप्‍त करने का भी सुझाव दिया है। कांग्रेस की यह दूसरी प्रमुख मांग थी, जिसका समर्थन समिति ने भी किया है। यह केवल अभी सुझाव है अंतिम रेट तय करने की शक्ति जीएसटी पर गठित राज्‍यों के वित्‍त मंत्रियों की अधिकार प्राप्‍त समिति के पास ही है और वही अंतिम रेट तय करेगी।

रेवेन्‍यू न्‍यूट्रल रेट वह रेट है जिस पर सभी उत्‍पादों और सेवाओं पर टैक्‍स लगाने से केंद्र और राज्‍य दोनों को किसी तरह का राजस्‍व नुकसान नहीं होगा। अरविंद सुब्रमण्‍यन ने कहा कि GST से राजकाज में सुधार आएगा, पूरा देश एक बाजार बनने से मेक इन इंडिया को बल मिलेगा और भारत का जीएसटी सबसे साफ सुथरा दोहरा वैट होगा, इसमें केंद्रीकृत और विकेंद्रीकृत दोनों तरह के सबसे बेहतर मॉडल को अपनाया गया है। समिति ने एल्कोहल और पेट्रोलियम को भी जीएसटी के दायरे में लाने की सिफारिश की है। समिति ने संविधान संशोधन विधेयक में विशिष्ट जीएसटी दर का उल्लेख नहीं करने की सिफारिश की है।

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