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New Law: आएगा जल्‍द नया दिवालिया कानून, 6 माह में सभी मामले निपटाने का प्रस्‍ताव

सरकार द्वारा नियुक्‍त बैंकरप्‍सी लॉ कमेटी ने एक आधुनिक दिवालिया कानून बनाने का प्रस्‍ताव दिया है।

Shubham Shankdhar
Updated on: November 05, 2015 17:30 IST
New Law: आएगा जल्‍द नया दिवालिया कानून, 6 माह में सभी मामले निपटाने का प्रस्‍ताव- India TV Paisa
New Law: आएगा जल्‍द नया दिवालिया कानून, 6 माह में सभी मामले निपटाने का प्रस्‍ताव

नई दिल्‍ली। सरकार द्वारा नियुक्‍त बैंकरप्‍सी लॉ कमेटी ने एक आधुनिक दिवालिया कानून बनाने का प्रस्‍ताव दिया है। बुधवार को सरकार को सौंपी रिपोर्ट में पूर्व विधि सचिव टीके विश्‍वनाथन की अध्यक्षता वाली कमेटी ने कहा है कि कारोबार असफल होने या आर्थिक मंदी की वजह से किसी कंपनी के दिवालिया होने पर उससे संबंधित सभी मामलों का निपटारा 180 दिन (छह माह) की निर्धारित समय सीमा में पूरा किया जाए। इससे ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की स्थिति और बेहतर होगी। सरकार भी ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में सुधार के लिए जल्द से जल्द बैंकरप्‍सी लॉ रिफॉर्म्स लागू करने की तैयारी में है।

शीतकालिन सत्र में आ सकता है विधेयक

बैंकरप्‍सी लॉ कमेटी ने अपनी अंतिम रिपोर्ट बुधवार को वित्त मंत्री अरुण जेटली को सौंपी है। आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांता दास ने कहा कि बैंकरप्‍सी लॉ रिफॉर्म बनी कमेटी ने अपनी रिपोर्ट हमें सौंप दी है और अब इस संबंध में सभी भागीदारों से प्रतिक्रियाएं मांगी जाएंगी। इसके लिए यह रिपोर्ट मंत्रालय की वेबसाइट पर डाली जाएगी। 19 नवंबर तक इस पर प्रतिक्रियाएं आमंत्रित की गई हैं। इसके साथ ही एक अंतरमंत्रालीय नोट भी जारी किया जाएगा। वेबसाइट और विभिन्‍न मंत्रालयों से मिले सुझावों पर सरकार अंतिम फैसला लेगी। इसके बाद इसे कैबिनेट के पास भेजा जाएगा और वहां से मंजूरी मिलने के बाद इसे संसद में लाया जाएगा। इससे पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि सरकार दिवालिया कानून को संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में लाने का प्रयास करेगी।

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वित्‍तीय संकट की पहले हो पहचान

 कमेटी द्वारा तैयार कानून के मसौदे में किसी वित्‍तीय संकट की पहले से पहचान का प्रस्‍ताव किया गया है, जिससे संकटग्रस्‍ट कंपनी के पुनरोद्धार के लिए कदम उठाए जा सकें।  इस विधेयक का मकसद ऋणदाता और कर्जदार के बीच विवाद के निपटारे का तरीका बेहतर और आसान करना है। विधेयक के मसौदे में दिवालिया निपटान के आवेदनों के निपटारे के लिए एक त्वरित 180 दिन की प्रक्रिया का प्रस्ताव किया गया है। इसमें वित्तीय संकट की पहचान और कंपनियों के पुनरोद्धार के लिए एक स्पष्ट व तेज प्रक्रिया की रूपरेखा रखी गई है। विधेयक में इस क्षेत्र में एक नियामक की स्थापना का भी प्रस्ताव है, जो दिवालिया कंपनी संबंधी मामलों से जुड़े पेशेवरों व एजेंसियां पर निगाह रखेगा।

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