मुंबई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने माल एवं सेवा कर ( GST) को और ज्यादा सरल बनाने के संकेत दिए हैं। मोदी ने कहा कि उनकी सरकार चाहती है कि 99 प्रतिशत सामान या चीजें जीएसटी के 18 प्रतिशत और इससे नीचे वाले टैक्स स्लैब में रहें।
इंडिया टीवी ने इससे पहले 13 दिसंबर को भी बताया था कि आगामी 22 दिसंबर को होने वाली जीएसटी परिषद की बैठक में सीमेंट पर टैक्स घटाने के साथ अन्य उत्पादों को निचले स्लैब में लाया जा सकता है।
मोदी ने निजी टीवी चैनल के समिट को संबोधित करते हुए कहा कि जीएसटी लागू होने से पहले केवल 65 लाख उद्यम पंजीकृत थे, जिसमें अब 55 लाख की वृद्धि हुई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज, जीएसटी व्यवस्था काफी हद तक स्थापित हो चुकी है और हम उस दिशा में काम कर रहे हैं, जहां 99 प्रतिशत चीजें जीएसटी के 18 प्रतिशत कर स्लैब में आएं।
उन्होंने संकेत दिया कि जीएसटी का 28 प्रतिशत कर स्लैब केवल विलासिता उत्पादों जैसी चुनिंदा वस्तुओं के लिए होगा। मोदी ने कहा कि हमारा प्रयास यह सुनिश्चित करना होगा कि आम आदमी के उपयोग वाली सभी वस्तुओं समेत 99 प्रतिशत उत्पादों को जीएसटी के 18 प्रतिशत या उससे कम कर स्लैब में रखा जाए।
उन्होंने कहा कि हमारा मानना है कि उद्यमों के लिए जीएसटी को अधिक से अधिक सरल किया जाना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि शुरुआती दिनों में जीएसटी अलग-अलग राज्यों में मौजूद वैट या उत्पाद शुल्क के आधार पर तैयार किया गया था। हालांकि समय-समय पर बातचीत के बाद कर व्यवस्था में सुधार हो रहा है।
मोदी ने कहा कि देश दशकों से जीएसटी की मांग कर रहा था। मुझे यह कहते हुए प्रसन्नता हो रही है कि जीएसटी लागू होने से व्यापार में बाधाएं दूर हो रही हैं और प्रणाली की दक्षता में सुधार हो रहा है। साथ ही अर्थव्यवस्था भी पारदर्शी हो रही है।