नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को कहा कि 'आत्मनिर्भर भारत' बनाने की दिशा में प्रदेश सरकार पूरी प्रतिबद्धता के साथ सभी सम्भावनाओं को गति देने का प्रयास कर रही है और लोगों को रोजगार देकर उन्हें स्वावलम्बी बनाना वर्तमान सरकार की प्राथमिकता है। मुख्यमंत्री राजधानी लखनऊ में अपने सरकारी आवास पर नई एमएसएमई इकाइयों के लिए आयोजित कर्ज वितरण कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि 98,743 नवीन इकाइयों को 2447 करोड़ रुपये के कर्ज ऑनलाइन वितरित किये गए हैं। मुख्यमंत्री ने एमएसएमई विभाग द्वारा संचालित हस्तशिल्पियों के कौशल विकास की प्रशिक्षण योजना, अनुसूचित जाति— जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के व्यक्तियों के लिए प्रशिक्षण योजना तथा ओडीओपी-विपणन प्रोत्साहन योजना की ऑनलाइन प्रक्रिया का भी शुभारम्भ किया। योगी के समक्ष प्रदेश में ''नॉलेज और टेक्नोलाजी'' के आदान-प्रदान के उद्देश्य से एमएसएमई विभाग तथा एकेटीयू के मध्य एमओयू हस्ताक्षरित किया गया। प्रदेश की एमएसएमई इकाइयों को अधिक से अधिक ऑनलाइन प्लेटफार्म पर लाने के उद्देश्य से ई—बे के साथ भी एमओयू का आदान-प्रदान किया गया।
मुख्यमंत्री ने ‘एक जनपद, एक उत्पाद’ योजना के तहत 13 साझा सुविधा केन्द्रों का शिलान्यास तथा प्रदेश के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार की निर्यात अवस्थापना योजना के अन्तर्गत छह सामान्य सुविधा केन्द्रों का लोकार्पण किया। उन्होंने प्रदेश सरकार द्वारा संचालित विभिन्न स्वरोजगार कार्यक्रमों-प्रधानमंत्री स्वरोजगार सृजन कार्यक्रम, ‘एक जनपद, एक उत्पाद’, मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के लाभार्थियों को चेक भेंट किया।
उन्होंने सामान्य सुविधा केन्द्रों से सम्बन्धित प्रवर्तक तथा सुविधा केन्द्रों का संचालन करने वाली संस्थाओं से संवाद किया। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सम्भावनाओं वाला प्रदेश है। प्रदेश के नौजवानों को स्वावलम्बी बनाकर उनकी ऊर्जा का सही इस्तेमाल किया जा सकता है, जिससे प्रदेश का नवनिर्माण होगा।