नई दिल्ली। देश में 92 फीसदी कारोबारी नेतृत्व का मानना है कि कारोबार की वृद्धि के लिए प्रत्येक संगठन को ‘डिजिटल संगठन‘ के तौर पर सक्षम बनाने की जरूरत है। माइक्रोसॉफ्ट एशिया डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन अध्ययन 2016 से पता चलता है कि इस मामले में वे एशिया के औसत 80 फीसदी से कहीं आगे हैं। इसमें बताया गया है कि अपनी डिजिटल बदलाव की रणनीति में क्लाउड कंप्यूटिंग को अहम कारक के तौर पर देखने के मामले में भी भारतीय अधिकारी अपने एशियाई समकक्षों से आगे हैं।
भारतीय प्रतिभागियों के बीच कारोबार में बदलाव की रणनीतियों के लिए प्रासंगिक आर्टिफिशियल इंटैलिजेंस (एआई) और इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) को महत्वपूर्ण और उभरती तकनीकों के तौर पर देखा गया। 88 फीसदी भारतीय प्रतिभागियों का मानना था कि क्लाउड कंप्यूटिंग और उपकरणों की घटती लागत ने सभी आकार की कंपनियों तक आधुनिक प्रौद्योगिकी की पहुंच सुलभ की है। उन्हें प्रतिस्पर्धा का लाभ मिल रहा है और इस मामले में वे पूरे एशिया के औसत 81 फीसदी से आगे हैं।
शेष एशिया से कहीं अधिक भारतीय प्रतिभागी वर्चुअल रिएलिटी (वीआर) और अग्युमेंटेट रिएलिटी (एआर) को संगठन में डिजिटल बदलाव के लिए प्रासंगिक प्रौद्योगिकी के तौर पर देखते हैं। माइक्रोसॉफ्ट इंडिया के अध्यक्ष अनंत माहेश्वरी ने कहा, “यह अभूतपूर्व गति से सामाजिक और आर्थिक परिवर्तन ला रहा है और संगठनों को प्रासंगिक बने रहने के लिए इस बदलाव को आत्मसात करने की आवश्यकता है।”
अपोलो हॉस्पिटल्स ग्रुप की संयुक्त प्रबंध निदेशक संगीता रेड्डी ने कहा, “अपोलो हॉस्पिटल्स डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन के लिए प्रतिबद्ध है, जो मरीज केंद्रित, यूजर्स के अनुकूल देखभाल और स्वास्थ्य प्रक्रियाओं में बदलाव लाने के लिए सर्वोत्तम सूचना एवं चिकित्सा प्रौद्योगिकी को जोड़ती है। हमें उम्मीद है कि आईओटी आधारित उपकरण भविष्य में देखभाल की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण वृद्धि करेगा, क्योंकि देखभाल के सभी मॉडल्स मरीज केंद्रित होंगे और यह हॉस्पिटलाइजेशन तक ही सीमित नहीं होगा। मेरा मानना है कि जब व्यक्ति, स्वास्थ्यकर्मी, शोधार्थी, नीति निर्माता और नागरिक समाज एक-साथ आगे आएंगे तो हम बेहतर स्वास्थ्य प्रणाली तैयार कर सकते हैं।”
भारत में प्रतिभागियों ने संगठन के लिए डिजिटल बदलाव के शीर्ष प्राथमिकता के तौर पर कर्मचारियों को सशक्त बनाने को तवज्जो दी, इसके बाद परिचालन अनुकूलन, ग्राहकों का जुड़ाव तथा उत्पादों एवं सेवाओं में बदलाव को रखा गया। अध्ययन से यह भी खुलासा हुआ कि 87 फीसदी भारतीय प्रतिभागियों को लगता है कि डेटा से नई अंतर्दृष्टि से राजस्व के नए स्रोत खुलेंगे जबकि इस मामले में एशियाई प्रतिभागियों का औसत 79 फीसदी है। एशिया में (49 फीसदी) और भारत में (53 फीसदी) प्रतिभागियों ने संकेत दिए कि उनके संगठन में विशिष्ट डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन रणनीति लागू की गई है।