नई दिल्ली। इस समय देश में कुल 9,130 विलफुल डिफॉल्टर्स हैं, जिन पर विभिन्न सरकारी बैंकों का 91,155 करोड़ रुपए का कर्ज बकाया है। वहीं संसद में शुक्रवार को यह बताया गया कि शराब कारोबारी विजय माल्या को 8,040 करोड़ रुपए का लोन पूर्व UPA सरकार में दिया गया, जो एनपीए में बदल गया और उनके खिलाफ कार्रवाई मोदी सरकार के दौरान की गई।
वित्त राज्यमंत्री संतोष गंगवार ने ‘माल्या का नाम लिए बिना’ लोकसभा को बताया कि,
उद्योगपति को 8,040 करोड़ रुपए का कर्ज दिया गया था, जो 2009 में डूब गया और उसे एनपीए घोषित कर दिया गया। इस कर्ज का 2010 में पुर्नगठन किया गया। वहीं 31 दिसंबर 2016 तक देश में विलफुल डिफॉल्टर्स की संख्या 9,130 है, जिन पर सरकारी बैंकों का कुल 91,155 करोड़ रुपए का कर्ज बकाया है।
- मंत्री ने बताया कि मोदी सरकार ने माल्या के खिलाफ कार्रवाई की है।
- वह फिलहाल ब्रिटेन में रह रहे हैं, कई सारी एजेंसियों ने उन्हें समन भेजा है।
- सरकार के अनुरोध पर विदेश मंत्रालय ने माल्या का पासपोर्ट भी रद्द कर दिया है।
- उन्होंने कहा कि विलफुल डिफॉल्टर्स में से 8,364 के खिलाफ कार्रवाई की गई है, इन पर बैंकों का 85,258 करोड़ से अधिक का कर्ज बकाया है।
- वहीं 2,024 के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है, जिन्होंने कुल 29,557 करोड़ रुपए का कर्ज नहीं चुकाया है।