नयी दिल्ली: दूरसंचार नियामक ट्राई ने कहा कि 17 करोड़ में से 9 करोड़ केबल टीवी और डीटीएच ग्राहक अपनी पंसद के चैनल चुनकर नई शुल्क व्यवस्था में आ गए हैं। उपभोक्ताओं को किसी तरह की दिक्कत न हो इसके लिए ट्राई लगातार स्थिति पर नजर रखे हुए है। भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) के चेयरमैन आर एस शर्मा ने पीटीआई-भाषा से बताया, "हमारे आंकड़ों के मुताबिक नई व्यवस्था में आने वालों की संख्या बढ़ी है और हमें उम्मीद है कि जल्द ही बाकी लोग भी अपने पंसद के चैनल चुन लेंगे।" शर्मा ने कहा कि जिन 9 करोड़ ग्राहकों ने अपने पसंदीदा चैनल चुन लिए हैं, उनमें 6.5 करोड़ केबल टीवी ग्राहक और 2.5 डीटीएच ग्राहक हैं।
उन्होंने कहा, "कुल 17 करोड़ टीवी चैनल ग्राहकों में से नौ करोड़ ने ऑपेरटर के पास पसंद के चैनल के बारे में पंजीकरण करा दिया है। यह बड़ी संख्या है। कुल 17 करोड़ ग्राहकों में 10 करोड़ केबल ग्राहक हैं।" ट्राई चेयरमैन ने कहा कि चूंकि डीटीएच एक प्री-पेड मॉडल है, इसलिए जैसे ही ग्राहकों के लंबी और छोटी अवधि के पैक समाप्त हो जाएंगे वे लोग अपने चैनल का चयन करेंगे। शर्मा ने जोर दिया, "जहां पर भी जरूरत है हम ऑपरेटरों की मदद कर रहे हैं और उन्हें रास्ता दिखा रहे हैं। यही नहीं दिक्कतों को स्पष्ट करने के लिए नियमित बैठक भी बुला रहे हैं।"
उन्होंने कहा कि नियामक की ग्राहकों तक पहुंच बढ़ाने और जागरूकता अभियान चलाने की भी योजना है। ट्राई उपभोक्ता के बीच जागरूकता फैलाने के लिए सोशल मीडिया, प्रिंट मीडिया, विज्ञापन और अन्य कार्यक्रमों के जरिए अभियान चलाएगा। ट्राई ने हाल ही में टीवी ऑपरेटरों को कई टीवी कनेक्शन रखने वालों के लिए विशेष स्कीम और प्लान उपलब्ध कराने की योजना पर फिर से लौटने को कहा था। ट्राई ने स्पष्ट किया था
कि यदि उपभोक्ता चाहे तो ऑपरेटर एक ही घर के अंदर अलग-अलग सेट टॉप बॉक्स लगा सकते हैं। शर्मा ने कहा कि ट्राई को कई कनेक्शन वाले घरों के लिए विशेष स्कीम के लिए तीन ऑपरेटरों प्रतिक्रियाएं मिली थी लेकिन इस समय पर इस मामले में हस्तक्षेप करना जरूरी नहीं समझता। क्रिसिल ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया था कि नई नियामकीय व्यवस्था से टीवी देखने की लागत 25 प्रतिशत तक बढ़ गई है। हालांकि, ट्राई ने इस दावे को खारिज किया है।