नई दिल्ली। इस साल कोरोना वायरस की वजह से दूसरी और तीसरी तिमाही में वेतन कटौती और छंटनी जैसे कड़े फैसले लेने के बाद भारतीय कंपनियां फिर से टैलेंट में निवेश करने के लिए तैयार दिख रही हैं। एक नए सर्वे में पता चला है कि 87 प्रतिशत भारतीय कंपनियों ने अपने कर्मचारियों का वेतन 2021 में बढ़ाने की योजना बनाई है, जबकि 2020 में 71 प्रतिशत कंपनियों ने ऐसा करने की योजना बनाई थी। इस साल सितंबर-अक्टूबर में हुए एओन सर्वे में शामिल कंपनियों में से 87 प्रतिशत ने कहा कि वे अगले साल वेतन में वृद्धि करेंगी, 61 प्रतिशत ने कहा कि वे 5-10 प्रतिशत के बीच सैलरी में बढ़ोतरी करेंगी। एओन एक वैश्विक पेशेवर सेवा फर्म है।
एओन के पार्टनर नितिन सेठी ने कहा कि भारत में कोविड-19 महामारी और अर्थव्यवस्था पर इसके गहरे प्रभाव के बाद भी भारत में संगठनों ने जबरदस्त लचीलापन और परिपक्व दृष्टिकोण दिखाया है। 2020 की दूसरी और तीसरी तिमारी में कंपनियों ने कठोर निर्णय लिए और अब उपभोक्ताओं की मांग में सुधार के चलते वे टैलेंट में निवेश करने का मन बना रही हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि सबसे ज्यादा वेतन वृद्धि प्रदान करने वाले सेक्टर में हाईटेक, सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी), आईटी इनेबल्ड सर्विस (आईटीईएस), लाइफ साइंसेस, ई-कॉमर्स और पेशेवर सेवाएं शामिल हैं।
कंपनियों ने इस साल कर्मचारियों के वेतन में औसत 6.1 प्रतिशत की वृद्धि की। यह पिछले एक दशक में सबसे निचला स्तर है। हालांकि अगले साल औसत वेतन वृद्धि 7.3 प्रतिशत रहने का अनुमान है। देश में काम करने वाली कंपनियों ने कोविड-19 से जुड़ी चुनौतियों के बावजूद लचीलारुख दिखाया है। 2020 में करीब 71 प्रतिशत कंपनियों ने वेतन में वृद्धि दी, जबकि 2021 में 87 प्रतिशत कंपनियां वेतन वृद्धि करने के पक्ष में हैं।
एओन के सैलरी ट्रेंड्स सर्वे इन इंडिया में कहा गया है कि अगले साल कंपनियां वेतन में औसत 7.3 प्रतिशत की वृद्धि करेंगी। एओन ने इसके लिए 20 विभिन्न उद्योग क्षेत्रों की 1,050 कंपनियों के बीच सर्वेक्षण किया था। सितंबर-अक्टूबर 2020 की स्थिति तक 87 प्रतिशत कंपनियों ने 2021 में वेतन वृद्धि देने की प्रतिबद्धता जताई। जबकि इसमें 61 प्रतिशत कंपनियों ने कहा कि वह पांच से 10 प्रतिशत की वेतन वृद्धि देंगी।