नई दिल्ली। प्रधान मंत्री उज्जवला योजना (पीएमयूवाई), जिसके तहत गरीब परिवारों की महिलाओं को मुफ्त में एलपीजी कनेक्शन दिया जाता है, के लगभग 86 प्रतिशत लाभार्थी दूसरा सिलेंडर खरीदने के लिए वापस आ रहे हैं। यह बात पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सोमवार को लोक सभा में कही।
प्रधान ने यह भी कहा कि पिछले पांच साल के दौरान, तेल विपणन कंपनियों ने ग्राहकों को एलपीजी की आसान उपलब्धता के लिए 9000 से अधिक एलजीपी वितरकों की नियुक्ति की है। प्रश्न काल के दौरान प्रधान ने कहा कि तेल विपणन कंपनियों के मुताबिक प्रधान मंत्री उज्जवला योजना के एक साल पुराने लगभग 86 प्रतिशत लाभार्थियों ने दूसरा सिलेंडर खरीदा है। उन्होंने कहा कि प्रधान मंत्री उज्जवला योजना के लाभार्थियों को लागू सब्सिडी पहल योजना के तहत सीधे उनके बैंक खाते में जमा की गई है।
मंत्री ने कहा कि प्रधान मंत्री उज्जवला योजना के लाभार्थियों को एलपीजी सिलेंडर का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए तेल विपणन कंपनियों ने कई कदम उठाए हैं, जिसमें जरूरत के मुताबिक 14.2 किग्रा सिलेंडर के बदले 5 किग्रा सिलेंडर बदलने की सुविधा, एलपीजी उपयोग और इसके सुरक्षित इस्तेमाल के बारे में लाभार्थियों को शिक्षित करने के लिए प्रधान मंत्री एलपीजी पंचायत का आयोजन शामिल है।
अन्य कदमों में शामिल हैं जागरूकता फैलाने के लिए ऑडियो-वीडियो मीडिया अभियान, सिलेंडर भरवाने न आने वाले लाभार्थियों तक पहुंचने के लिए लक्षित एसएमएस अभियान, सार्वजनिक स्थानों पर बैनर, होर्डिंग्स आदि के जरिये डिस्प्ले अभियान।
प्रधान ने बताया कि 8 जुलाई, 2019 तक तेल विपणन कंपनियों ने पूरे देश में 7.34 करोड़ एलपीजी कनेक्शन जारी किए हैं। उन्होंने कहा कि प्रधान मंत्री उज्जवला योजना के लाभार्थी द्वारा एलपीजी को अपनाना और स्थायी तौर पर इसका उपयोग करना व्यावहारिक परिवर्तन और कई अन्य कारकों पर निर्भर है, जिसमें खाने की आदत, भोजन पकाने की आदत, एलपीजी की कीमत, मुफ्त में लकड़ी की उपलब्धता, गोबर के कंडे आदि शामिल हैं। मंत्री ने बताया कि एक अध्ययन के मुताबिक प्रधान मंत्री उज्जवला योजना के लागे होने के बाद देश में छाती में रक्त संचयन की बीमारी के मामलों में 20 प्रतिशत कमी आई है।