नई दिल्ली। नोटबंदी को 8 महीने से ज्यादा समय बीत चुका है और 8 महीने के दौरान अर्थव्यवस्था में करीब 13 लाख करोड़ रुपए के नए 500 और 2,000 रुपए के नोट आ चुके हैं। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) की इकोरैप रिपोर्ट से यह जानकारी मिली है। रिपोर्ट में कहा गया है कि नोटबंदी के दौरान 500 और 1000 रुपए के जितने नोट अर्थव्यवस्था से हटाए गए थे उसका करीब 84 फीसदी 500 और 2000 रुपए के नए नोटों के तौर पर वापस आ चुका है।
गौरतलब है कि नोटबंदी में 500 और 1000 रुपए के पुराने नोटों को बंद किया गया था। उस समय करीब 15 लाख 44 हजार 50 करोड़ रुपए के नोटों की नोटबंदी हुई थी और अबतक करीब 84 फीसदी वापस आए हैं यानि 12 लाख 97 हजार 2 करोड़ नोटों की वापसी हो चुकी है। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की इकोरैप रपट के अनुसार प्रसार में मुद्रा सीआईसी का प्रमुख अवयव माने जाने वाले बैंकों के पास नकदी के स्तर में नवंबर 2016 के स्तर के मुकाबले कमी आयी है।
रपट में कहा गया है, सात जुलाई 2017 तक नयी मुद्रा का प्रसार स्तर हटायी गई मुद्रा के 84 फीसदी के बराबर पहुंच गया है। इसी के साथ 25 नवंबर 2016 को समाप्त पाक्षिक आंकड़ों के अनुसार उस समय बैंक के हाथों में 23.19 फीसदी नकदी थी जो 23 जून 2017 के आंकड़ों के अनुसार 5.4 फीसदी के स्तर पर आ गई। ऐतिहासिक तौर पर बैंकों के हाथ में कुल नकदी का 3.8 फीसदी के आसपास ही रहता है लेकिन मौजूदा समय में यह 5.4 फीसदी है।
इस आधार पर रपट में कहा गया है कि अतिरिक्त 1.6 फीसदी यानी 25,000 करोड़ रुपये की नकदी एटीएम में पड़ी है। साथ ही इसमें 200 रुपये के नये नोट के महत्व के बारे में भी बताया गया है जो बाजार में मध्यम नोट की कमी को दूर करने में मदद करेगा।
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