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भारत में 82% पुरुष और 92% महिलाओं को मिली है 10,000 रुपये से कम मजदूरी: रिपोर्ट

ज्यादातर क्षेत्रों में कार्यरत श्रमिकों के वेतन में नियमित रूप से वृद्धि तो हो रही है, लेकिन इसके बावजूद कामगारों के एक बड़े वर्ग का मासिक वेतन 10,000 रुपये से भी कम है।

Written by: India TV Paisa Desk
Published on: September 26, 2018 10:49 IST
wages- India TV Paisa

wages

नई दिल्ली। ज्यादातर क्षेत्रों में कार्यरत श्रमिकों के वेतन में नियमित रूप से वृद्धि तो हो रही है, लेकिन इसके बावजूद कामगारों के एक बड़े वर्ग का मासिक वेतन 10,000 रुपये से भी कम है। अजीम प्रेमजी विश्वविद्यालय के सतत रोजगार केंद्र (सीएसई) की मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। यह रिपोर्ट 2015-16 तक कई स्रोतों से प्राप्त आंकड़ों पर आधारित है। इनमें सरकारी रिपोर्ट और एनएसएस के आंकड़ों को भी शामिल किया गया है। 

इस रिपोर्ट ‘कामकाजी भारत की स्थिति 2018’ में कहा गया है कि कृषि को छोड़कर ज्यादातर क्षेत्रों में सालाना मासिक वेतन वृद्धि तीन प्रतिशत या अधिक रही है। 

रिपोर्ट के लेखक अमित बसोले ने कहा कि इस पहल का मकसद जनता के बीच बेहतर समझ बनाना तथा ऐसे नीतिगत उपाय करना है जिससे सभी को रोजगार और नियमित आय सुनिश्चित हो सके। रिपोर्ट कहती है कि वेतन (मुद्रास्फीति के समायोजन के बाद) संगठित विनिर्माण क्षेत्र में दो प्रतिशत, असंगठित विनिर्माण क्षेत्र में चार प्रतिशत तथा असंगठित सेवाओं के क्षेत्र में पांच प्रतिशत बढ़ा है। यह आंकड़ा 2010 से 2015 के बीच का है। 

रिपोर्ट में कहा गया है कि इसके बावजूद 82 प्रतिशत पुरुष और 92 प्रतिशत महिला कामगारों का मासिक वेतन 10,000 रुपये से कम है। इससे पता चलता है कि भारतीयों की बड़ी आबादी को सामान्य जीवनयापन के लिये भी वेतन नहीं मिल पाता है। यहां तक कि संगठित विनिर्माण क्षेत्र में 90 प्रतिशत के करीब उद्योग केन्द्रीय वेतन आयोग के न्यूनतम वेतन से भी कम वेतन दे रहे हैं। 

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