नयी दिल्ली: नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि देश को वैश्विक पायलट प्रशिक्षण का बड़ा केंद्र बनाने के उद्देश्य से पांच हवाईअड्डों पर आठ नई उड़ान प्रशिक्षण अकादमियां स्थापित की जाएंगी। मंत्रालय ने बताया कि कर्नाटक के बेलगावी और कलबुर्गी, महाराष्ट्र के जलगांव, मध्य प्रदेश के खजुराहो और असम के लीलबाड़ी हवाईअड्डे का चुनाव किया गया है।
खराब मौसम और नागरिक या सैन्य हवाई यातायात की वजह से कम से कम बाधायें आने की स्थिति को ध्यान में इन हवाईअड्डों का चुनाव किया गया हैं। उसने कहा कि इन आठ अकादमियों को स्थापित करने का उद्देश्य भारत को एक बड़ा वैश्विक उड़ान प्रशिक्षण केंद्र बनाना और भारतीय छात्रों के विदेशी अकादमियों में जाने पर एक तरह से रोक लगाना है। साथ ही इन अकादमियों को भारत के पड़ोसी देशों के छात्रों की उड़ान प्रशिक्षण आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए भी तैयार किया जाएगा।
विमानन मंत्रालय के अधीन काम करने वाले भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) ने पिछले साल नवंबर में इन आठ अकादमियों की स्थापना के लिए बोलियां आमंत्रित की थीं। मंत्रालय ने कहा, ‘‘अकादमियों के निर्माण के लिए 31 मई 2021 को पत्र जारी किया गया जिसमे एशिया-पैसिफिक, जेटसर्व, रेडबर्ड, समवर्धने और स्काईनेक्स जैसे बोली में विजेता कंपनियों को यह काम दिया गया।’’
उसने बताया कि एएआई ने विमानन सुरक्षा पहलुओं, नियामक तंत्र, मानवयुक्त विमानों पर पायलटों के प्रशिक्षण का अनुभव और उपकरण तथा प्रशिक्षकों की उपलब्धता जैसे मापदंडो के आधार पर इन बोलीदाताओं का चयन किया गया। विमानन मंत्रालय ने कहा, ‘‘उड़ान प्रशिक्षण संगठनों के निर्माण की बोली को बोलीदाताओं के लिए आकर्षक बनाने के लिए एएआई ने मासिक किराया घटा कर 15 लाख कर दिया। साथ ही इन बोलीदाताओं के लिए व्यवसाय अनुकूल बनाने के लिए एयरपोर्ट रॉयल्टी की अवधारणा को समाप्त कर दिया गया।’’