नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी फिच रेटिंग्स और सिटीग्रुप ने शुक्रवार को कहा है कि 7वें वेतन आयोग की केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन-भत्तों में 23.55 फीसदी की वृद्धि वाली सिफारिश को पूरी तरह लागू करने से राजकोषीय मजबूती का लक्ष्य पूरा करने के रास्ते में चुनौतियां बढ़ेंगी। वहीं वित्त मंत्रालय के सचिव रतन वाटन ने कहा कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों से पैदा होने वाले वित्तीय प्रभावों से निपटने में सरकार समर्थ है और इन सिफारिशों को लागू करने के तौर तरीके तय किए जाएंगे।
क्या कहा फिच ने
केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन-भत्तों में 23.55 फीसदी की बढ़ोत्तरी की सिफारिश पूरी तरह लागू करने से राजकोषीय मजबूती का लक्ष्य पूरा करने की राह में चुनौतियां बढ़ेंगी। फिच रेटिंग्स ने एक बयान में कहा सिफारिशों को स्वीकार करने से सरकार के वेतन बिल पर उल्लेखनीय असर होगा। सातवें वेतन आयोग द्वारा वेतन संबंधी सिफारिशों को यदि स्वीकार कर लिया जाता है तो यह एक जनवरी 2016 से लागू होगा। इस बार वेतन बढ़ोत्तरी की सिफारिश पिछले वेतन आयोग की तुलना में कम है, जिसने 40 फीसदी वृद्धि की
सिफारिश की थी और उसे 2008 में लागू किया गया था। फिच ने कहा अपने आप में इन सिफारिशों को लागू करने से केंद्र सरकार का वेतन पर खर्च सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के करीब 0.5 फीसदी के बराबर बढ़ेगा। यहां यह भी महत्वपूर्ण है कि इससे राज्य सरकारों की वित्तीय स्थिति पर भी असर होगा क्योंकि वे इसका अनुपालन करना चाहेंगी। सरकार ने 2016-17 में राजकोषीय घाटा कम कर जीडीपी के 3.5 फीसदी के बराबर लाने का लक्ष्य रखा है, जो 2015-16 के लिए 3.9 फीसदी है।
सिटीग्रुप का दावा
सिटीग्रुप ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा है कि वेतन खर्च बढ़ने से वित्त वर्ष 2016-17 में राजकोषीय घाटे को 3.5 फीसदी करने के लक्ष्य को पाना सरकार के लिए और अधिक चुनौतीपूर्ण हो जाएगा। सिटीग्रुप ने कहा कि अगले वित्त वर्ष में वेतन वृद्धि जीडीपी का 0.5 फीसदी बढ़ने और कॉरपोरेट टैक्स रेट में कमी की संभावना के चलते सरकार द्वारा चालू वित्त वर्ष के 3.9 फीसदी राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को अगले वित्त वर्ष में 3.5 फीसदी करना अधिक चुनौतीपूर्ण होगा।
वित्त मंत्रालय चुनौतियों से निपटने में समर्थ
वित्त मंत्रालय ने कहा है कि वह सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों से पैदा होने वाले वित्तीय प्रभावों से निपटने में समर्थ है और इन सिफारिशों को लागू करने के तौर तरीके तय किए जाएंगे। वित्त सचिव रतन वाटल ने कहा कि चुनौतियां जरूर हैं, हम उसका सामना करेंगे और चालू वित्त वर्ष की राजकोषीय स्थिति पर इसका असर नहीं पड़ने वाला है इसे लागू करते समय अगला वित्त वर्ष आ जाएगा और हमारी वृद्धि की संभावनाएं अच्छी हैं, हमारी अर्थव्यवस्था काफी मजबूत है और हम इसका सामना कर लेंगे।