नई दिल्ली। केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि की सिफारिश के लिए गठित सातवां वेतन आयोग 19 नवंबर को अपनी रिपोर्ट वित्त मंत्री अरुण जेटली को सौंपेगा। वेतन आयोग अपनी रिपोर्ट में केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए वेतन-भत्ते आदि में वृद्धि के लिए सिफारिश करेगा। इस रिपोर्ट का फायदा लगभग एक करोड़ केंद्रीय कर्मचारियों को होगा।
आयोग के अध्यक्ष न्यायाधीश एके माथुर ने समाचार एजेंसी पीटीआई से मंगलवार को कहा कि हमारी रिपोर्ट तैयार है और हम इसे 19 नवंबर को सरकार को सौंप देंगे। पिछली संप्रग सरकार ने केंद्र सरकार के लगभग 48 लाख कर्मचारियों तथा 55 लाख पेंशनभोगियों को भुगतान में संशोधन सुझाने के लिए फरवरी 2014 में सातवें वेतन आयोग का गठन किया था। इसकी सिफारिशों का असर राज्य सरकार के कर्मचारियों के वेतनमान पर भी पड़ेगा। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस आयोग का कार्यकाल अगस्त से चार महीने बढ़ाकर दिसंबर किया था।
उल्लेखनीय है कि सरकार आमतौर पर हर दसवें साल वेतन आयोग का गठन करती है। राज्य सरकारें भी कुछ बदलावों के साथ इन्हें अपने कर्मचारियों पर लागू करती हैं। वेतन आयोग ने तमाम प्रतिभागियों से चर्चा की है, जिसमें संगठन, फेडरेशन, सरकारी कर्मचारियों के संगठनों के साथ ही साथ रक्षा सेवाओं के लोगों से भी चर्चा की है।
सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें एक जनवरी 2016 से प्रभावी होंगी। इस आयोग में अध्यक्ष के अलावा अन्य दो सदस्यों के रूप में विवेक रे, सेवानिवृत्त आईएएस ऑफिसर और अर्थशास्त्री रथिन रॉय शामिल हैं। मीना अग्रवाल इस आयोग की सचिव हैं। छठवें वेतन आयोग की सिफारिशें एक जनवरी 2006 से लागू की गई थीं। पांचवें वेतन आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी 2006 को तथा चौथे वेतन आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी 1986 को लागू की गई थीं।