नई दिल्ली। यदि किसी केंद्रीय कर्मी की बेसिक पे वर्तमान में 7,000 रुपए है तो अगले साल एक जनवरी से उसकी बेसिक पे बढ़कर 18,000 रुपए हो सकती है। बेसिक पे में ढाई गुना की वृद्धि और पेंशनर्स को मिलने वाली पेंशन में 24 फीसदी की वृद्धि संभव है, यदि केंद्र सरकार जस्टिस एके माथुर की अध्यक्षता वाले 7th Pay commission की सिफारिशों को बिना किसी बदलाव के लागू कर देती है। वेतन आयोग ने एक जनवरी 2016 से वेतन वृद्धि की सिफारिश की है। गुरुवार को आयोग ने अपनी रिपोर्ट वित्त मंत्री अरुण जेटली को सौंपी है।
क्या है सातवां वेतन आयोग
- आयोग के चेयरमैन अशोक कुमार माथुर हैं। इसके अलावा इस आयोग में दो अन्य विवेक रे, सेवानिवृत्त आईएएस और अर्थशास्त्री रथिन रॉय शामिल हैं। मीना अग्रवाल इस आयोग की सचिव हैं।
- यूपीए सरकार ने फरवरी 2014 में इस आयोग का गठन किया था। इसे 18 महीने में रिपोर्ट सौंपनी थी। लेकिन इसकी अवधि अगस्त 2015 में चार महीने के लिए बढ़ा दी गई थी।
- 31 दिसंबर तक इन सिफारिशों पर आखिरी फैसला होगा। आयोग की सिफारिशों को सरकार को 1 जनवरी 2016 से लागू करना है।
- सरकार अब एक निगरानी पैनल का गठन करेगी, जो सिफारिशों का विश्लेषण करेगा और अपनी रिपोर्ट सरकार को देगा।
- इन सिफारिशों का 47 लाख केंद्रीय सेवा में कार्यरत कर्मचारियों और 52 लाख पेंशनभोगियों को फायदा मिलेगा।
- सरकारी खजाने पर इस बढ़ोत्तरी से 1.2 लाख करोड़ रुपए का बोझ पड़ेगा।
क्या हैं सिफारिश
- सिफारिशें एक जनवरी, 2016 से लागू की जाएं
- वेतन और भत्तों में कुल मिलाकर 23.55 फीसदी की बढ़ोतरी
- केंद्रीय सेवाओं में न्यूनतम वेतन 18,000 रुपए और अधिकतम वेतन 2.25 लाख रुपए प्रति माह
- वेतन में हर साल 3 फीसदी का इंक्रीमेंट
- पेंशन में 24 फीसदी की वृद्धि की जाए
- सैन्य बलों की तर्ज पर सरकारी कर्मचारियों के लिए भी वन रैंक, वन पेंशन
- ग्रैच्युटी की सीमा 10 लाख रुपए से बढ़ाकर 20 लाख रुपए, जब कभी महंगाई भत्ता 50 फीसदी बढ़ेगा, ग्रैच्युटी 25 फीसदी बढ़ेगी
- कैबिनेट सचिव को ढाई लाख रुपए प्रति माह का वेतन, जो इस समय 90,000 रुपए है
- सैन्य अधिकारियों के लिए एमएसपी 6,000 रुपए से बढ़ाकर 15,500 रुपए प्रति माह
- नर्सिंग सेवा के अधिकारियों के लिए एमएसपी 4,200 रुपए से बढ़ाकर 10,800 रुपए
- जेसीओ-ओआर के लिए 2,000 रुपए से बढ़ाकर 5,200 रुपए
- युद्ध क्षेत्र के इतर काम करने वाले कर्मचारियों के लिए एमएसपी 1,000 रुपए से बढ़ाकर 3,600 रुपए प्रति माह
- शॉर्ट सर्विस कमीशंड के अधिकारियों को 7 से 10 साल के बीच नौकरी छोड़ने की अनुमति
- 52 तरह के भत्तों को खत्म और अन्य 36 को मौजूदा भत्तों में समाहित किया जाए
क्या होगा फायदा
- सातवां वेतन आयोग लागू होने के बाद राज्य सरकारें भी अपने यहां इसे लागू करेंगी, जिससे राज्यों के कर्मचारियों का भी वेतन बढ़ेगा। बैंक, विश्वविद्यालय और कॉलेज के कर्मचारियों के वेतन में भी इसी अनुरूप वृद्धि होगी।
- बेसिक पे में 14.27%, सैलरी में 16%, भत्तों में 63% और पेंशन में 24% इजाफा होगा। अभी 1 करोड़ कर्मचारियों को फायदा होगा। केंद्र के मुताबिक राज्यों, बैंक और विश्वविद्यालों में भी सिफारिशें लागू होने पर आंकड़ा बढ़ेगा।
- बाजार में कार, बाइक और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स की मांग ज्यादा बढ़ेगी। सरकार पर बढ़े खर्च का असर आम आदमी पर नया टैक्स लगने के रूप में हो सकता है।
- वेतन वृद्धि से बाजार में नई नकदी आएगी, जिससे मांग बढ़ेगी और देश की अर्थव्यवस्था की रफ्तार और तेज होगी, जो सरकार का लक्ष्य भी है।
बेसिक सैलरी बढ़ने से बढ़ेगी ईमानदारी
सातवें वेतन आयोग के चेयरमैन एके माथुर ने कहा कि बढ़ती महंगाई के बीच कम वेतन के साथ किसी कर्मचारी से ईमानदारी की अपेक्षा करना सही नही है। इसलिए हमनें बेसिक सैलरी में ढाई गुना वृद्धि की सिफारिश की है, ताकि सरकारी कर्मचारी अपनी जरूरतों को आसानी से पूरा कर सकें और अपना काम भी ईमानदारी से करें। उन्होंने आगे कहा कि अधिक वेतन के चक्कर में वरिष्ठ अधिकारी सरकारी नौकरी छोड़कर प्राइवेट सेक्टर की ओर रुख कर रहे हैं, इसे रोकने के लिए ही वरिष्ठ अधिकारियों की सैलरी ज्यादा बढ़ाने की सिफारिश की गई है।