नयी दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार लोकसभा में पंजाब एंड महाराष्ट्र कॉर्पोरेशन बैंक (पीएमसी बैंक) घोटाले को खाताधारकों को राहत देते हुए बड़ा बयान दिया है।निर्मला सीतारमण ने कहा कि पीएमसी बैंक के करीब 78 प्रतिशत जमाकर्ताओं को उनकी पूरी जमा पूंजी निकालने की अनुमति दी गयी है, हालांकि 50 हजार रुपए तक धन निकालने की सीमा अभी जारी है।
सीतारमण ने लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान कहा कि विवाह कार्यक्रमों, स्वास्थ्य संबंधी आपात स्थितियों, शिक्षा आदि अन्य कठिनाई वाली परिस्थितियों में पंजाब और महाराष्ट्र सहकारी (पीएमसी) बैंक में खाता रखने वाले लोग भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के कठिन परिस्थितियों वाले प्रावधानों का इस्तेमाल करते हुए एक लाख रुपये तक धन निकासी कर सकते हैं।
वित्त मंत्री ने पिनाकी मिश्रा के पूरक प्रश्न के उत्तर में कहा, 'पीएमसी बैंक का मामला बहुत संवेदनशील है। आरबीआई के बेहतर समन्वय से इस मामले में सरकार कदम उठा रही है।' उन्होंने कहा, 'पीएमसी बैंक के करीब 78 प्रतिशत जमाकर्ताओं को उनका सारा धन निकालने की अनुमति दे दी गयी है। ये छोटे छोटे जमाकर्ता हैं। इस कदम से सभी छोटे जमाकर्ताओं के संबंध में चिंता का ध्यान रखा गया है।'
वित्त मंत्री ने कहा कि पीएमसी बैंक के प्रवर्तकों की संपत्तियों को जब्त करने के लिए कदम उठाये जा रहे हैं। इन संपत्तियों को जल्द से जल्द नीलाम कर जमाकर्ताओं की जमा पूंजी वापस की जाएगी। आरबीआई ने गत 24 सितंबर को पीएमसी बैंक के परिचालन पर निषेध संबंधी कदम उठाये थे और इसमें कथित वित्तीय अनियमितताओं का पता लगाने के लिए एक प्रशासक की नियुक्ति की थी।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इससे पहले पीएमसी बैंक के खाताधारकों को 1 लाख रुपए की निकासी के लिए आरबीआई की ओर से नियुक्त प्रशासक से संपर्क करना होगा। आरबीआई ने हाईकोर्ट को दिए हलफनामे में कहा है कि रकम निकासी पर लगी पाबंदियां बैंक और खाताधारकों की हितों की रक्षा के लिए उठाया गया कदम है। आरबीआई के वकील वेंकटेश ढोंढ ने जस्टिस एस. सी. धर्माधिकारी और जस्टिस आर. आई छागला की डिवीजन बेंच को हलफनामे के जरिए इसकी पूरी जानकारी दी है।
मेडिकल इमर्जेंसी में निकाल सकेंगे 1 लाख रुपए
पीएमसी बैंक के खाताधारक आकस्मिक चिकित्सा की स्थिति में 1 लाख रुपए तक की निकासी के लिए आरबीआई द्वारा नियुक्त प्रशासक से संपर्क कर सकते हैं। आरबीआई ने पैसा निकालने पर लगी पाबंदियों को चुनौती देने वाली याचिकाओं के लिए हाईकोर्ट में दिए अपने हलफनामे में इसका जिक्र किया था। आरबीआई ने हलफनामे में विवाह, शिक्षा, आजीविका सहित अन्य मुश्किलों वाली स्थितियों के लिए 50,000 रुपए तक की निकासी की भी जानकारी कोर्ट को दी है।