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मोबाइल नंबर पोर्टिबिलिटी में 41% का इजाफा, 73 लाख कंज्‍यूमर ने किया सुविधा का इस्‍तेमाल

टेलिकॉम नियामक ट्राई की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक दिसंबर 2015 में देश के 73.1 लाख मोबाइल उपभोक्‍ताओं ने NMNP के लिए अपना नंबर दर्ज कराया है।

Sachin Chaturvedi @sachinbakul
Published : February 24, 2016 14:50 IST
मोबाइल नंबर पोर्टिबिलिटी में 41% का इजाफा, 73 लाख कंज्‍यूमर ने किया सुविधा का इस्‍तेमाल
मोबाइल नंबर पोर्टिबिलिटी में 41% का इजाफा, 73 लाख कंज्‍यूमर ने किया सुविधा का इस्‍तेमाल

नई दिल्‍ली। खराब मोबाइल नेटवर्क और कॉलड्रॉप की समस्‍या से परेशान लोग जमकर नेशनल मोबाइल पोर्टे‍बिलिटी(NMNP) सुविधा का इस्‍तेमाल कर रहे हैं। टेलिकॉम नियामक ट्राई की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक दिसंबर 2015 में देश के 73.1 लाख मोबाइल उपभोक्‍ताओं ने NMNP के लिए अपना नंबर दर्ज कराया है। यह संख्‍या नवंबर 2015 के मुकाबले 40.91 फीसदी अधिक है। नवंबर में 51.9 लाख लोगों ने एनएमपी के लिए एप्‍लाई किया था।

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गुजरात और महाराष्‍ट्र में सबसे ज्‍यादा  रिक्‍वेस्‍ट

दिसंबर के महीने में जोन 1 से जो सबसे ज्यादा रिकवेस्ट आईं थी वो गुजरात में 0.79 मिलियन, राजस्थान में 3.4 लाख और महाराष्ट्र में 2.9 लाख  थी। जम्मू कश्मीर में सबसे कम यूजर बेस है जिस कारण इसके पास सबसे कम पोर्टिंग रिक्वेसट आईं जो कि 3,781 हैं। ध्यान रखें ट्राई किसी भी तरह का ऑपरेटरों के आधार पर इन नंबरों का पोर्टिंग रिक्वेस्ट के ब्रेक डाउन नहीं दे रहा है।  जोन II (साउथ और ईस्ट इंडिया) में वेस्ट बंगल में सबसे ज्‍यादा 14.5 लाख लोगों ने नंबर पोर्टिलिलिटी के लिए रिक्‍वेस्‍ट दी है। इसके बाद बिहार में 7.8 लाख, आंध्रप्रदेशन में 5.2 लाख लोगों ने पोर्टिबिलिटी के लिए रिक्‍वेस्‍ट की। नॉर्थ ईस्‍ट सर्किल में 28562 लोगों की रिक्‍वेस्‍ट आई, जबकि नंवबर में यह आंकड़ा 28551 था।

ये है मोबाइल नंबर पोर्ट करवाने का तरीका

  • मोबाइल नंबर पोर्टेबिल्‍टी के लिए अपने मैसेज बॉक्स में जाकर टाइप करें PORT स्पेस देकर मोबाइल नंबर लिखें और 1900 पर भेज दें। इसके बाद आपको यूनिक पोर्टिंग कोड (UPC) भेजा जाएगा। यह कोड केवल 15 दिन तक वैध रहता है। (ध्यान दें- जम्मू और कश्मीर, उत्तर पूर्वी और असम के इलाकों में यह सेवा 30 दिनों तक वैध रहती है।)
  • अब आप अपने मोबाइल ऑपरेटर के करीबी कस्टमर सर्विस सेंटर पर जाएं या फिर जिस ऑपरेटर की आप सर्विस लेना चाहते हैं उसके रिटेल आउटलेट पर जाएं। वहां जाकर फॉर्म भरें और 19 रुपए की राशि जमा करवा दें। फॉर्म में आपको अपना UPC कोड डालना होगा। इसके साथ ही अपना पहचान और पते का प्रमाण पत्र देने के साथ ही आपको अपनी पासपोर्ट साइज फोटो देनी होगी।
  • भुगतान और दस्तावेज जमा करने के बाद कस्टमर सेंटर आपको एक नई सिम देगा। एक दिन के भीतर आपको पोर्टेबिल्‍टी के कंफर्मेशन का मैसेज जा जाएगा।
  • आपका नंबर 7वें कार्यदिवस पर बदल दिया जाएगा। ऑपरेटर की ओर से आपके पास पोर्टिंग की तारीख और समय के साथ एक मैसेज आ जाएगा। पोर्टेबिल्‍टी प्रक्रिया के लिए लगभग 2 घंटे के लिए नंबर बंद किया जाता है।
  • नई सिम का अपने फोन में डालें और इसके साथ ही आप नए नेटवर्क में आ जाएंगे वो भी अपने पुराने नंबर के साथ।

एक बार अपना मोबाइल नंबर पोर्ट करने के बाद आपको नए टेलिकॉम ऑपरेटर्स के साथ कम से कम तीन महीने तक जुड़ा रहना होगा। यह अनिवार्य है। उदाहरण के तौर पर महाराष्‍ट्र सर्कल का नंबर अब केरल सर्कल में भी पोर्ट कराया जा सकता है। इसके साथ ही दिल्‍ली सर्कल में आप अपने नंबर को वोडाफोन से हटवाकर टाटा, रिलायंस या फि‍र आइडिया के साथ भी जोड़ सकते हैं।

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