नई दिल्ली। उद्योग संगठन एसोचैम ने दावा किया है कि देश में बिक रहे 60 से 70 फीसदी फिटनेस सप्लिमेंट नकली हैं। मार्केट रिसर्च कंपनी आरएनसीओएच के साथ किए गए एक अध्ययन की रिपोर्ट जारी करते हुए उद्योग संगठन ने आज कहा कि देश में बेचे जा रहे 60 से 70 प्रतिशत पूरक आहार नकली, अपंजीकृत या गैर-मान्यता प्राप्त हैं। साथ ही नकली उत्पादों की पहचान कर पाना भी बेहद मुश्किल है।”
2020 तक 4 अरब डॉलर का होगा कारोबार
रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में फिटनेस सप्लिमेंट का बाजार वर्तमान में लगभग दो अरब डॉलर का है। इसके वर्ष 2020 तक बढ़कर 4 अरब डॉलर पर पहुंच जाने की उम्मीद है। इस क्षेत्र की कंपनियों के लिए विटामिन और खनिजों के पूरक आहार में आने वाले वर्षों में काफी संभावनाएं बनेंगी क्योंकि इनके ग्राहकों की संख्या तेजी से बढ़ रही है और इसमें सबसे बड़ा योगदान बढ़ते मध्यम वर्ग का है। वर्तमान में इस बाजार में विटामिन और खनिजों वाले पूरक आहार की हिस्सेदारी 40 फीसदी, औषधीय पूरक आहारों की 30 फीसदी तथा प्रोबायोटिक की 10 फीसदी है।
78 फीसदी किशोर करते हैं इस्तेमाल
एसोचैम ने बताया कि बढ़ती क्रय शक्ति के साथ लोग अपने स्वास्थ्य को लेकर ज्यादा सजग हो गए हैं और बड़ी संख्या में पूरक आहारों का इस्तेमाल कर रहे हैं। ये आहार बाजार में टैबलेट, कैप्सूल, जेल, जेल कैप, द्रव्य या चूर्ण के रूप में उपलब्ध हैं। वर्ष 2012 के एक सर्वेक्षण का हवाला देते हुए उसने कहा कि बड़े भारतीय शहरों में 78 प्रतिशत किशोर पूरक आहारों का इस्तेमाल करते हैं। वे अपना शरीर सौष्ठव, बीमारियों से लडऩे की क्षमता तथा ऊर्जा का स्तर बढ़ाने के लिए इनका सेवन करते हैं। अध्ययन में इन पूरक आहारों के कुप्रभावों के बारे में भी बताया गया है।