नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूसरे कार्यकाल का एक साल पूरा होने पर इंडिया टीवी द्वारा आयोजित विशेष कार्यक्रम #TeamModiOnIndiaTV: मोदी 2.0 का एक साल, कितने किए कमाल में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में मोदी सरकार की नीतियों और फैसलों के बारे में चर्चा की। उन्होंने आर्थिक पैकेज और अर्थव्यवस्था की हालत पर भी खुलकर चर्चा की।
कार्यक्रम के दौरान एक दर्शक ने वित्त मंत्री से सवाल पूछा कि कोरोना वायरस की वजह से जो लॉकडाउन है उससे कंपनियां बंद हो रही हैं, लोगों की नौकरियां जा रही हैं और वेतन में कटौती हो रही है तो ऐसे में मध्यम वर्ग के लिए उनके ऋण किस्त को छह माह तक माफ करना चाहिए। इस सवाल पर निर्मला सीतारमण ने कहा कि हमें इस तरह के कई सुझाव और प्रस्ताव मिले हैं, फिलहाल मैं इस पर कुछ नहीं कह सकती हूं लेकिन सरकार इस पर विचार करेगी।
कंपनियों में छंटनी या वेतन कटौती पर उन्होंने कहा कि यदि हमारे पास इस तरह की कोई शिकायत या खबर पहुंचेगी तो हम इस समस्या को सुलझाने के लिए रास्ता जरूर खोजेंगे और हम लोगों की जरूर मदद करेंगे। एक दर्शक ने जीएसटी लेट फीस माफ करने की बात कही तो वित्त मंत्री ने कहा कि वह इस मांग को अगले महीने होने वाली जीएसटी परिषद की बैठक में रखेंगी और इस पर चर्चा करेंगी, अंतिम फैसला परिषद ही लेगी।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के मुताबिक आत्मनिर्भर भारत पैकेज समय और लोगों की जरूरत के हिसाब से बनाया गया है, इसलिए किसी खास सेक्टर का इसमें जिक्र नहीं है। वित्त मंत्री के मुताबिक थम चुकी अर्थव्यवस्था और सेक्टर को फिर से शुरुआत देने के लए पैकेज का एक हिस्सा फोकस है। वहीं पैकेज का बाकी हिस्सा शुरुआत के बाद आने वाले समय में रफ्तार देने में मदद करेगा
वित्त मंत्री के मुताबिक दो महीने से अर्थव्यवस्था के बंद रहने से छोटे कारोबारियों को काफी नुकसान हुआ है। ऐसे में सरकार ने पैकेज का एक हिस्सा ऐसे कारोबारियों को आसान फंडिंग के रूप में दिया है, जिससे इनके पास पैसे आने से वो कर्मचारियों के वेतन का भुगतान कर सकेंगे वहीं अपना कारोबार को शुरुआत करने में पैसा लगा सकेंगे। इससे अर्थव्यव्यवस्था के निचले हिस्से में गतिविधिया शुरू होने में मदद मिलेगी।
वित्त मंत्री के मुताबिक अर्थव्यवस्था के निचले स्तर पर मौजूद लोगों और छोटे कारोबारियों को मिली शुरुआती मदद ऊपरी स्तर पर मौजूद कंपनियों के लिए मध्यम अवधि में डिमांड का काम करेगी।डिमांड बढ़ने पर पैकेज में जारी अहम सेक्टर के लिए घोषित किए गए सुधार कदमों से विकास को ठोस रफ्तार देने में मदद मिलेगी।