नई दिल्ली। भारत के लिए 5G रूपरेखा बनाने के लिए गठित संचालन समिति ने अगली पीढ़ी की वायरलेस सेवा को आगे बढ़ाने के लिए अतिरिक्त स्पेक्ट्रम का सुझाव दिया है। साथ ही समिति ने कहा है कि इस तरह के स्पेक्ट्रम की पहली किस्त के आवंटन की घोषणा इसी साल की जानी चाहिए। समिति ने अपनी रिपोर्ट सरकार को गुरुवार को सौंपी है। समिति ने भारत की 5G आकांक्षाओं को आगे बढ़ाने के लिए कई क्षेत्रों मसलन स्पेक्ट्रम नीति, नियामकीय नीति, शिक्षा और मानदंड पर व्यापक सुझाव दिए हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि 5जी का आर्थिक प्रभाव 1,000 अरब डॉलर के करीब बैठेगा। समिति के चेयरमैन प्रोफेसर ए जे पॉलराज ने कहा कि 5G एक बड़ा अवसर है। इसका इस्तेमाल कई सामाजिक बदलावों के लिए किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि भारत के लिए 5G की जो रूपरेखा बनाई जा रही है उससे न केवल देश आगे बढ़ेगा, बल्कि इससे समाज के कमजोर तबके की प्रगति में भी मदद मिलेगी।
पॉलराज ने कहा कि भारत में 5G सेवाओं की वाणिज्यिक शुरुआत 2020 में हो सकती है। संचालन समिति ने पांच साल के कार्यकाल वाली ऐसी समिति भी बनाने का सुझाव दिया है, जो भारत में स्पेक्ट्रम प्रौद्योगिकी ढांचे के निर्माण पर सलाह देगी।