नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने शनिवार (5 सिंतबर) को कहा कि 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था का सरकार को पूरा भरोसा है। हम 2025 तक इसे हासिल कर सकते हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को स्टेट बिजनेस रिफॉर्म एक्शन प्लान 2019 की रैंकिंग जारी की। इसमें आंध्र प्रदेश ने पहला, उत्तर प्रदेश ने दूसरा और तेलंगाना ने तीसरा स्थान हासिल किया है।
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि हम सभी मानते हैं कि एक तरफ सहयोग के जरिए और दूसरी ओर प्रतिस्पर्धा के जरिए सामूहिक रूप से राष्ट्र को 2025 तक 5 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था की ओर तेजी से आगे बढ़ाया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्यों की व्यावसायिक सुधार कार्य योजना हमारे राज्यों के विश्वास का प्रतिबिंब है कि वे लोगों की समृद्धि के लिए बेहतर और काम कर सकते हैं। पीयूष गोयल ने कहा कि राज्यों की रैंकिंग इस प्रयास को दर्शाती है कि विभिन्न राज्य अपने सिस्टम और प्रक्रियाओं को बेहतर बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने शनिवार (5 सितंबर) को दिल्ली में राज्य व्यापार सुधार एक्शन प्लान 2019 की रैंकिंग यानी ईज ऑफ डूइंग में राज्यों की रैंकिंग जारी की। इस रैकिंग में उन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को टॉप में रखा जाता है, जहां पर कारोबार करने में आसानी होती है।
राज्य व्यापार सुधार एक्शन प्लान की रैंकिंग जारी, आंध्र प्रदेश टॉप पर
केंद्र सरकार की ओर से जारी राज्य व्यापार सुधार एक्शन प्लान 2019 में पहला स्थान आंध्र प्रदेश को मिला है। वहीं तेलंगाना को पीछे छोड़ते हुए उत्तर प्रदेश ने दूसरे नंबर पर जगह बना ली है, जबकि तेलंगाना ने तीसरा स्थान हासिल किया है। इस रैकिंग से साफ है कि यूपी सरकार ने व्यापार में सुधार की दिशा में तेजी से काम किया है। वाणिज्य मंत्रालय के मुताबिक स्टेट बिजनेस रिफॉर्म एक्शन प्लान 2019 का मुख्य फोकस सूचना और पारदर्शिता, एकल खिड़की प्रणाली, निर्माण परमिट और भूमि प्रशासन आदि जैसे क्षेत्रों पर केंद्रित है।
इस मौके पर केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि 2057 शहरों में ईज ऑफ डुइंग बिजनस के तहत कंस्ट्रक्शन परमिट्स और ऑनलाइन बिजनस परिमिशन सिस्टम को लागू किया गया। हम वर्ल्ड बैंक की डुइंग बिजनस रिपोर्ट में 2017 में 185वें स्थान पर थे और 2020 में 27वें स्थान पर पहुंच गए हैं। पुरी ने कहा कि सरकार व्यापार को त्वरित और किफायती बनाने के लिए एकल खिड़की प्रणाली, श्रम कानून सुधार, विवाद अधिनियम में सुधार आदि के माध्यम से व्यापार विनियमन को कारगर बनाने के प्रयास कर रही है।