नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने मंगलवार को कहा कि दलहनों की बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए बिहार सहित पांच राज्यों ने रियायती दर पर खुदरा बिक्री करने के लिए उसके बफर स्टॉक से कुल एक लाख टन तुअर दाल खरीदने में रुचि दिखाई है। केंद्र सरकार ने एक बयान में कहा कि इसके अलावा, सरकार ने खुले बाजार में बिक्री (ओएमएस) के लिए बफर स्टॉक से 40,000 टन तुअर को छोटे लॉटों में जारी करने का भी फैसला किया है, ताकि दलहन तेज गति से खुदरा बाजार में पहुंच सके और बढ़ती कीमतों को रोकने में मदद कर सके।
सितंबर में शुरू की गई एक नई व्यवस्था के तहत थोक के साथ-साथ खुदरा पैकों में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर बफर स्टॉक से राज्यों को दालों की पेशकश की जा रही है। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने कहा कि अरहर और उड़द की खरीफ की फसल के कटाई का समय नजदीक आने के बावजूद पिछले एक पखवाड़े में दालों की खुदरा कीमतों में बढ़ोतरी हुई है।
बयान में कहा गया है कि इन दालों की खुदरा कीमतें पिछले साल की तुलना में न केवल अधिक बनी हुई हैं, बल्कि हाल ही में इसमें और उछाल भी आया है। पिछले वर्ष की तुलना में सोमवार को अरहर और उड़द की अखिल भारतीय औसत खुदरा कीमतों में क्रमश: 23.71 प्रतिशत और 39.10 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। इन दालों के कई खपत केंद्रों में पिछले 15 दिनों के दौरान 20 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई है।
मंत्रालय ने कहा कि आज की तारीख तक आंध्र प्रदेश, केरल, महाराष्ट्र, बिहार और तमिलनाडु ने लगभग एक लाख टन तुअर दाल की जरूरत को पेश किया है। निकट भविष्य में और राज्यों के आगे आने की उम्मीद है। केंद्र सरकार कीमतों में स्थिरता लाने के उद्देश्य से, मूल्य स्थिरीकरण कोष (पीएसएफ) के तहत वर्ष 2015-16 से दालों और प्याज के बफर स्टॉक का निर्माण कर रही है। चालू वर्ष के लिए सरकार का 20 लाख टन दालों का बफर स्टॉक बनाने का लक्ष्य है।