मुंबई। देश में हर साल करीब 48,000 लोग अपनी नौकरी या कार्यस्थल पर होने वाली दुर्घटनाओं की वजह से मौत के मुंह में चले जाते हैं। एक अंतरराष्ट्रीय रपट के अनुसार सबसे इनमें सबसे ज्यादा 24.20 प्रतिशत निर्माण क्षेत्र में काम करने वाले लोग होते हैं। अंतर श्रम संगठन के आंकड़ों का हवाला देते हुए ब्रिटिश सेफ्टी काउंसिल ने सोमवार को कहा कि कार्यस्थल पर सुरक्षा संबंधी बुरी स्थितियों की वजह से हर साल औसतन 48,000 लोगों की मौत होती है।
ब्रिटिश सेफ्टी काउंसिल कार्यस्थल पर स्वास्थ्य, सुरक्षा और पर्यावरण प्रबंधन से जुड़ा गैर-लाभकारी संगठन है। काउंसिल ने कहा कि भारत में कार्यस्थल पर मौतों की संख्या ब्रिटेन की तुलना में 20 गुना अधिक है। संगठन ने कहा कि भारत में हर दिन निर्माण क्षेत्र में ही 38 गंभीर दुर्घटनाएं होती हैं, वहीं ब्रिटेन में 2016 में क्षेत्रों में कुल 137 गंभीर दुर्घटनाएं हुईं।
काउंसिल ने कहा कि भारत में सवा अरब की आबादी में श्रमबल की संख्या 46.5 करोड़ है। इनमें से सिर्फ 20 प्रतिशत ही मौजूदा स्वास्थ्य एवं सुरक्षा के कानूनी ढांचे में आते हैं। ब्रिटिश सेफ्टी काउंसिल के मुख्य कार्यकारी माइक रॉबिन्सन ने कहा कि हालांकि स्वास्थ्य और सुरक्षा चिंताओं को दूर करने के लिए कानून हैं, लेकिन पर्याप्त श्रमबल की कमी की वजह से इनका क्रियान्वयन बड़ी चुनौती है।
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