नई दिल्ली। करीब चार साल के अंतराल के बाद भारत ने आसान अनुबंध की शर्तों के साथ 46 सीमांत तेल एवं गैस क्षेत्रों के लिए अंतरराष्ट्रीय निविदा निकालने की पेशकश की है, जिनमें तेल के भंडार का पता पहले ही लगाया जा चुका है। इन परियोजनाओं का ठेका हासिल करने वाली कंपनियों को उत्पादन की कीमत और बाजार पर निर्णय करने की आजादी होगी।
पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि खोजे गए छोटे तेल-गैस क्षेत्रों की नीलामी के दौर के लिए निविदाएं प्राप्त कराने की प्रारंभिक तिथि 15 जुलाई होगी और बोलियां 31 अक्टूबर तक प्रस्तुत की जा सकेंगी। इन क्षेत्रों में 62.5 करोड़ बैरल का तेल एवं गैस भंडार है। आखिरी खोज दौर मार्च, 2012 में संपन्न हुआ था। नई खोज लाइसेंसिंग नीति (नेल्प) के तहत यह नौवें दौर की निविदा थी।
नेल्प के नौवें दौर में कुल 256 ब्लॉकों की पेशकश की गई थी। नए दौर में सार्वजनिक क्षेत्र की ओएनजीसी तथा ऑयल इंडिया की 67 निष्क्रिय पड़ी खोजों को 46 क्षेत्रों में मिलाया गया है। इन क्षेत्रों की पेशकश अंतरराष्ट्रीय बोली दौर के लिए की जाएगी। इनमें से 28 खोजों मुंबई अपतटीय क्षेत्र में तथा 14 कृष्णा गोदावरी बेसिन में हैं।