नई दिल्ली। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज (पीएमजीकेपी) के तहत दो जून तक करीब 42 करोड़ लाभार्थियों को प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के माध्यम से सीधे नकदी सहायता दी गई है, जो 53,248 करोड़ रुपये है। यह बात वित्त मंत्रालय ने बुधवार को जारी एक बयान में कही। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने 26 मार्च को कोविड -19 के कारण हुए लॉकडाउन से प्रभावित समाज के कमजोर और गरीब वर्गों की सुरक्षा के लिए 1.7 लाख करोड़ रुपये के पीएमजीकेपी पैकेज की घोषणा की थी।
पैकेज के तहत सरकार ने महिलाओं और गरीब वरिष्ठ नागरिकों और किसानों को मुफ्त अनाज और नकद भुगतान की घोषणा की थी। केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा इसे तेजी से लागू किए जाने को लेकर निगरानी रखी जा रही है।
अब तक सरकार ने प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के लाभार्थियों के बैंक खातों में 8,488 करोड़ रुपये स्थानांतरित किए हैं। इसके अलावा, 8.58 करोड़ मुफ्त उज्जवला सिलेंडर भी वितरित किए गए हैं, जबकि कुल 9.25 करोड़ सिलेंडर बुक किए गए हैं। पैकेज के तहत सरकार ने उज्जवला लाभार्थियों को 30 जून तक तीन महीने के लिए मुफ्त रसोई गैस सिलेंडर वितरित करने का फैसला किया है।
वित्त मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि दो जून तक सरकार ने 59.23 लाख ईपीएफओ खाताधारक कर्मचारियों को लाभ पहुंचाने के लिए 895 करोड़ रुपये की राशि भी जारी की है। इसमें सरकार ने तीन महीने की अवधि के लिए नियोक्ता और कर्मचारियों दोनों के संपूर्ण 24 प्रतिशत पीएफ अंशदान करने का निर्णय लिया है।
इसके अलावा सरकार ने पीएम-किसान (16,394 करोड़) की पहली किस्त भी जारी कर दी है और इसे 8.19 करोड़ किसानों को ट्रांसफर कर दिया गया है, जिससे किसानों को सीधे उनके खातों में 2,000 रुपये प्राप्त हुए।
साथ ही सरकार ने दो जून तक महिला जन धन खाताधारकों को 20,344 करोड़ रुपये का भुगतान भी किया है। 20.05 करोड़ महिला जन धन खाताधारकों को दूसरी किस्त भुगतान के रूप में 10,029 करोड़ रुपये की राशि दी गई।
इसके अलावा सरकार ने करीब 2.81 करोड़ वृद्धों, विधवाओं और दिव्यांगों के लिए 2,814 करोड़ रुपये भी जारी किए हैं। प्रत्येक लाभार्थी को इस योजना के तहत अनुग्रह राशि के रूप में 500 रुपये की पहली किस्त और दूसरी किस्त के रूप में 500 रुपये प्राप्त हुए। सरकार ने 100 प्रतिशत पहचान किए गए लाभार्थियों के लिए प्रत्येक किस्त के लिए 1,407 करोड़ रुपये का भुगतान किया। इसके साथ ही 2.3 करोड़ बिल्डिंग एवं कंस्ट्रक्शन श्रमिकों को अबतक कुल 4,313 करोड़ रुपये वित्तीय सहायता वितरित की गई।