विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने पिछले पांच कारोबारी सत्रों में भारतीय शेयर बाजारों से करीब 400 करोड़ रुपये की निकासी की है। हुवावेई की सीएफओ की गिरफ्तारी के बाद वैश्विक शेयर बाजारों में उतार-चढ़ाव इसकी वजह रही। इससे पहले कच्चे तेल की कीमतों में नरमी और रुपये में मजबूती से विदेशी निवेशकों ने शेयर बाजार में 6,900 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया था।
डिपॉजिटरी के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, 3 से 7 दिसंबर के दौरान विदेशी निवेशकों ने शेयर बाजार से शुद्ध रूप से 383 करोड़ रुपये निकाले। हालांकि, उन्होंने इस दौरान ऋण बाजार में 2,744 करोड़ रुपये का निवेश किया। नवंबर में सुधार के बाद दिसंबर में एक बार फिर से विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक शुद्ध रूप से बिकवाल रहे।
मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट एडवाइजर इंडिया के वरिष्ठ विश्लेषक प्रबंधक (शोध) हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा, "वास्तव में बिकवाली का दौर छह दिसंबर को शुरू हुआ जब एफपीआई ने एक दिन में 361 करोड़ रुपये की निकासी की। चीन की नाम-गिरामी कंपनी की शीर्ष अधिकारी की गिरफ्तारी के बाद वैश्विक शेयर बाजार में गिरावट इसकी वजह रही। इसका असर घरेलू शेयर बाजार में भी दिखा।"
उन्होंने कहा, "निवेशकों को डर सता रहा है कि इस गिरफ्तारी के बाद चीन और अमेरिका के संबंधों में और कड़ुवाहट आ सकती है और यह आर्थिक वृद्धि को प्रभावित करेगा। विदेशी निवेशकों ने इस साल अब तक पूंजी बाजार से 85,600 करोड़ रुपये निकाले। जिसमें शेयर बाजार से 35,600 करोड़ से अधिक और ऋण बाजार से करीब 50,000 करोड़ रुपये की निकासी शामिल है।