नई दिल्ली। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने कहा है कि पिछले साल 2015 के दौरान करीब 40 लाख नए टैक्सपेयर्स को इनकम टैक्स के दायरे में लाया गया है और इनकी संख्या प्रतिदिन बढ़ रही है। सीबीडीटी के चेयरमैन अतुलेश जिंदल ने टैक्सपेयर्स का आधार बढ़ाने के लिए इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की सराहना करते हुए कहा कि अब इसके दायरे में टैक्स चुकाने में सक्षम और लोगों को लाया जा रहा है। इन नए टैक्सपेयर्स से सरकार को उल्लेखनीय राजस्व मिला है। सरकार ने एक करोड़ नए टैक्सपेयर्स को टैक्स के दायरे में लाने का लक्ष्य रखा है।
जिंदल ने कहा, हम इस बात को लेकर काफी सतर्क हैं कि हमें अपना टैक्स का दायरा बढ़ाना है। हम इस प्रक्रिया में सूचना प्रौद्योगिकी टूल्स का बेहतर तरीके से इस्तेमाल कर रहे हैं। पिछले साल की तुलना में हमने करीब 40 लाख नए टैक्सपेयर्स जोड़े हैं। सीबीडीटी के प्रमुख ने कहा कि नए टैक्सपेयर्स को विभाग की दो प्रमुख पहल नॉन फ्लायर्स मैनेजमेंट सिस्टम (एनएमएस) तथा चालू वित्त वर्ष में एक करोड़ नए टैक्सपेयर्स जोड़ने के अभियान के जरिये टैक्स दायरे में लाया गया है। जिंदल ने कहा कि विभाग के दोनों अभियान अपने लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में काफी सफल रहे हैं।
म्यूचुअल फंड एयूएम फरवरी में भी घटा
देश के म्यूचुअल फंड उद्योग का आस्ति आधार (एयूएम) फरवरी के आखिर में घटकर 12.62 लाख करोड़ रुपए रह गया। इक्विटी योजनाओं में कम निवेश के चलते म्यूचुअल फंड के आस्ति आधार में लगातार चौथे महीने गिरावट आई है। एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एएमएफआई) के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार देश में 40 से अधिक म्यूचुअल फंड कंपनियों का औसत एयूएम फरवरी के आखिर में घटकर 12,62,842 करोड़ रुपए रह गया। यह पूर्व महीने में 12,73,714 करोड़ रुपए था। इससे पहले नवंबर में उक्त राशि 12.95 लाख करोड़ रुपए व दिसंबर में 12.75 लाख करोड़ रुपए थी।