नई दिल्ली। आगामी आम बजट में रेलवे को उन चार गलियारों की अनुमति मिलने की उम्मीद है जो भारतीय रेल की महत्वाकांक्षी रेलवे स्वर्णिम चर्तुभुज परियोजना को पूरा करेंगे। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य देश के चार महानगरों दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और कोलकाता को एक उच्च गति रेलवे नेटवर्क से जोड़ना है।
इस परियोजना के दो कॉरिडोर दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-हावड़ा को पिछले बजट में अनुमति दी गई थी। इनकी लागत क्रमश: 11,189 करोड़ रुपए और 6,875 करोड़ रुपए है।
बचे हुए चार गलियारे दिल्ली-चेन्नई, चेन्नई-हावड़ा, चेन्नई-मुंबई और हावड़ा-मुंबई हैं। इनके निर्माण से इन पर 160 से 200 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से रेलगाड़ियां दौड़ाई जा सकेंगी। इन सभी की कुल अनुमानित लागत करीब 40,000 करोड़ रुपए है।