नई दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र की एनर्जी इफीशिएंसी सर्विसेज लि.(ईईएसएल) ने मंगलवार को कहा कि उजाला योजना के तहत पिछले छह साल में 37 करोड़ एलईडी बल्ब वितरित किये गये हैं। इस योजना की मदद से न केवल बिजली बचाने में मदद मिली है, साथ कार्बन डाई ऑक्साइड के उत्सर्जन को रोकने में भी सफलता मिली है।
कंपनी के मुताबित बल्ब वितरण के साथ ही सड़कों पर लाइट लगाने के राष्ट्रीय कार्यक्रम (एसएलएनपी) के तहत 1.14 करोड़ एलईडी भी लगाये गये। ईईएसएल ने एक बयान में कहा कि इन सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन से अब तक कुल 55.32 अरब किलोवाट सालाना बिजली की बचत हुई है। प्रधानमंत्री नरेंद मोदी ने पांच जनवरी, 2015 को उजाला और एसएलएनपी कार्यक्रमों की शुरूआत की थी। मंगलवार को इसके छह साल पूरे हो गये। दोनों कार्यक्रमों को ईईएसएल ने क्रियान्वित किया।
कंपनी के बयान के अनुसार, ‘‘ईईएसएल ने 36.69 करोड़ एलईडी बल्ब वितरित किये और 1.5 करोड़ एलईडी स्ट्रीटलाइट लगाये। इससे संचयी रूप से 55.32 अरब किलोवाट सालाना ऊर्जा की बचत हुई।’’ ईईएसएल के अनुसार देश भर में कुल 36.69 करोड़ एलईडी के वितरण से सालाना 47.65 अरब किलोवाट बिजली की बचत हुई। इससे अधिकतम 9,540 मेगावाट बिजली की मांग कम हुई। साथ ही सालाना 3.859 करोड़ टन कार्बन डॉईआक्साइड (सीओ2) उत्सर्जन में कमी आयी है। इसके अलावा कार्यक्रम के तहत किफायती दाम पर 72 लाख एलईडी ट्यूबलाइट और 23 लाख ऊर्जा दक्ष पंखे भी वितरित किये गये।
इस मौके पर केंद्रीय बिजली और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह ने कहा, ‘‘उजाला और एसएलएनपी दोनों कार्यक्रम बड़े पमाने पर सामाजिक-आर्थिक बदलाव के लिहाज से अहम रहे हैं। इससे न केवल कार्बन उत्सर्जन में कमी आयी बल्कि सतत विकास को बढ़ावा मिला है।’’ उन्होंने कार्यक्रमों को सफलतापूर्वक लागू करने और देश के बिजली क्षेत्र में बदलाव के छह साल पूरे होने को लेकर ईईएसएल को बधाई दी।