नई दिल्ली। रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा कि कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के चलते लगाए गए लॉकडाउन के कारण वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री में प्छलो अनुमानों से कम बढ़त देखने को मिल सकती है। रेटिंग एजेंसी के मुताबिक वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान 23-28 प्रतिशत तक वृद्धि का अनुमान है, जबकि पहले 32-37 प्रतिशत तक बढ़ोतरी की उम्मीद थी। क्रिसिल ने सोमवार को जारी इस रिपोर्ट में कहा कि इस बढ़ोतरी के बावजूद कुल वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री 2019 की तुलना में चालू वित्त वर्ष के दौरान लगभग 30 प्रतिशत कम रह सकती है। कोविड-19 महामारी की रोकथाम के लिए पिछले साल लगाए गए सख्त लॉकडाउन के दौरान बिक्री दशक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई थी।
वित्त वर्ष 2020-21 में वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री 21 प्रतिशत घटकर 5,68,559 इकाई रह गई थी, जबकि 2019-20 में यह आंकड़ा 7,17,539 था। क्रिसिल ने कहा कि वाणिज्यिक वाहन खंड में 2020 और 2021 के दौरान क्रमश: 29 प्रतिशत और 21 प्रतिशत की गिरावट हुई। रेटिंग एजेंसी के मुताबिक अप्रैल में भाड़े की दरों में करीब 20 प्रतिशत तक की गिरावट हुई और मई में मुनाफे को लेकर परिचालन में दबाव बना रहा।
वहीं क्रिसिल ने अनुमान दिया है कि मानसून सामान्य रहने की भविष्यवाणी कृषि आय के लिए शुभ संकेत है। बावजूद इसके ट्रैक्टर की मांग में वृद्धि सीमित ही रहेगी। विज्ञप्ति के अनुसार, घरेलू बाजार में ट्रैक्टरों की बिक्री में पिछले वित्तवर्ष के दौरान सालाना आधार पर 27 प्रतिशत की भारी वृद्धि हुईं इस दौरान नौ लाख ट्रैक्टर बिके जो एक रिकार्ड है। हालांकि नये माहौल में ट्रैक्टरों की बिक्री में चालू वित्तवर्ष में 3-5 प्रतिशत की ही वृद्धि होने की संभावना है
महामारी की दूसरी लहर का ऑटो सेक्टर के सभी सेग्मेंट पर प्रभाव पड़ा है। देश की प्रमुख वाहन कंपनियों मसलन मारुति सुजुकी, हुंदै, महिंद्रा एंड महिंद्रा, टाटा मोटर्स और टोयोटा किर्लोस्कर की वाहन बिक्री में मई महीने में अप्रैल के मुकाबले बड़ी गिरावट दर्ज हुई। कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के बीच विभिन्न राज्यों में लगाये गये लॉकडाउन की वजह से इन कंपनियों का उत्पादन और आपूर्ति प्रभावित हुई।