नई दिल्ली। अग्रिम विनिर्णय प्राधिकरण के आदेश के अनुसार ई-रिक्शा के टायरों पर वस्तु एवं सेवा कर (GST) के तहत कर की सर्वाधिक 28 प्रतिशत की दर लागू होगी। प्राधिकरण की महाराष्ट्र पीठ ने टायर बनाने वाली कंपनी सिएट लिमिटेड की याचिका पर यह आदेश दिया। सिएट लिमिटेड ने अपनी याचिका में यह स्पष्ट करने को कहा था क्या ई-रिक्शा को ‘विद्युत मोटर लगे तीन पहियों वाले साइकिल रिक्शा’ की श्रेणी में वर्गीकृत किया जा सकता है? इस श्रेणी पर पांच प्रतिशत की दर से जीएसटी लागू है।
प्राधिकरण ने फैसला सुनाते हुए कहा कि ई-रिक्शा में पैडल नहीं होता जबकि ‘विद्युत मोटर लगे तीन पहियों वाले साइकिल रिक्शा’ श्रेणी में शामिल होने के लिए पैडल होना अनिवार्य है। उसने कहा कि ई-रिक्शा मोटर वाहन अधिनियम के तहत मोटर वाहन है और इसी रूप में स्थानीय परिवहन प्राधिकरणों के समक्ष पंजीकृत होते हैं।
प्राधिकरण ने कहा, ‘‘अत: यह स्पष्ट है कि ई-रिक्शा और विद्युत मोटर लगे तीन पहियों वाले साइकिल रिक्शे समान नहीं हैं बल्कि अलग-अलग हैं। अभी के मौजूदा जीएसटी कानून के तहत यह स्पष्ट है कि ई-रिक्शा में लगने वाले टायर विद्युत मोटर वाले रिक्शों के टायर की तरह नहीं हैं। अत: इसपर जीएसटी की सर्वोच्च दरें लागू होंगी।’’